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ख्यालगढ़ गांव में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ, अखिलानन्द सुना रहे कथा

 गोवर्धन लीला का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान भक्त के भीतर अभिमान नहीं देख सकते। जब इंद्र को अपने इंद्रत्व का अभिमान हुआ तो भगवान को गोवर्धन लीला करनी पड़ी और उन्होंने उक्त लीला करके प्रकृति की पूजा करायी।
 

संगीतमय श्रीमद्भागवत् कथा का लोग ले रहे आनंद

अखिलानन्द ने सुनाए कई प्रसंगों वाली कथा व लीला
 

 

चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र ख्यालगढ़( लौंदा) गांव  में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत् कथा का आरंभ हुआ। इस दौरान अखिलानन्द जी महाराज ने लोगों को भगवान की बाललीला की कथा सुनायी।

अखिलानन्द जी महाराज ने अपने उद्बोधन मे माखन लीला गोवर्धन व रासलीला का दर्शन कराते हुए कहा कि प्राकृतिक जीव माखन लीला को माखन चोरी लीला कहते हैं, लेकिन जिन्हें हम ईश्वर मानते हैं, वे चोरी कैसे कर सकते हैं। आंतरिक दृष्टि से भगवान गौ पालक हैं, तो गौ से ही दुग्ध माखन आदि प्राप्त होते है। जो कर के रूप मे कंस को दिया जाता था। भगवान ने विचार किया गौ का पालन हम ग्वाल बाल करते हैं, तो उसका फल भी उन्हें ही प्राप्त होना चाहिए। जिसके फलस्वरूप भगवान द्वारा माखन चोरी लीला की जाती है।

 गोवर्धन लीला का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान भक्त के भीतर अभिमान नहीं देख सकते। जब इंद्र को अपने इंद्रत्व का अभिमान हुआ तो भगवान को गोवर्धन लीला करनी पड़ी और उन्होंने उक्त लीला करके प्रकृति की पूजा करायी। लीला आध्यात्मिक दृष्टि से गो का अर्थ इंद्रियों से है अर्थात अपनी इंद्रियों को परमात्मा को समर्पित करना ही गोवर्धन लीला है। दूसरे भाव से देखा जाय तो गो का अर्थ गौ से है अर्थात गौ का संवर्धन ही गोवर्धन लीला है ।

रास पर चर्चा करते हुए कहा कि रासलीला जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही रास है। सांसारिक जीव रास में काम का दर्शन करता है, लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि से रासलीला काम के विनाश की लीला है, क्योंकि रासमंडल में जितनी गोपिकाएं हैं वह कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि ऋषि रूपी गोपिकाएं हैं। द्वापर से भगवान से मिलने के लिए गोकुल में देव व ऋषि सभी अवतरित हुए थे। वे ही भगवान कृष्ण से रासमंडल में मिलते हैं  और एकरूप हो जाते हैं। यदि रास में काम होता तो परम अवधूत बाबा भोलेनाथ उस रास मंडल में नहीं आते। क्योंकि वो पहले ही काम का विनाश कर चुके हैं। रास को दूसरे भाव से देखें तो निष्काम भक्ति से पुष्टि पुरूषोत्तम भगवान कृष्ण को पाया जा सकता है।

इस मौके पर जितेन्द्र नारायण पाण्डेय , मीरा पाण्डेय, विकास चौबे, मोहित पाण्डेय, विपिन चौबे, संतोष पाठक, आलोक पांडेय, अमित पांडेय, जोगिंदर सिंह, रामहरख यादव, एसपी सिंह,पवन,शिवम तिवारी, विजय यादव,संदीप पटेल, धन्नू चौबे,दीना सिंह आदि मौजूद रहे।

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