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फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में विदेशों में चंदौली जिले का नाम रोशन कर रहे हैं डॉ महेंद्र यादव ​​​​​​​

2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में ये भारत की बैडमिंटन व स्क्वैश टीम के फिजियोथेरेपिस्ट रहे। सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी में फिजियोथेरेपी विभाग में सहायक प्रोफेसर रहते हुए ये दर्जनों राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य वक्ता रहे हैं।
 

चंदौली जिले के नियामताबाद क्षेत्र जफरपुर गांव निवासी डॉ महेंद्र यादव ने फिलीपींस की राजधानी मनीला में रविवार को फिली-ऑस्ट्रेलियन अंतर्राष्ट्रीय फिजियोथेरेपी कांफ्रेंस को संबोधित किया। इसमें उन्होंने फिजियोथेरेपी की बारीकियों के बारे में बताया। उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्रीय लोगों में खुशी है।

Dr Mahendra Yadav

डॉ महेंद्र यादव जफरपुर गांव निवासी राममूरत यादव के चार पुत्रों में सबसे छोटे है। जिनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई। इंटरमीडिएट की शिक्षा इन्होंने रेलवे इंटर कॉलेज से ग्रहण की। फिजियोथेरेपी में स्नातक महाराष्ट्र व स्नातकोत्तर की डिग्री इन्होंने पंजाब के अमृतसर से प्राप्त किया। 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में ये भारत की बैडमिंटन व स्क्वैश टीम के फिजियोथेरेपिस्ट रहे। सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी में फिजियोथेरेपी विभाग में सहायक प्रोफेसर रहते हुए ये दर्जनों राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य वक्ता रहे हैं।

 फिजियोथेरेपी पर इनके कई लेख राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है। 2016 में इन्होंने अबुधाबी यूएई की फिजियोथेरेपी की परीक्षा पास की। वर्तमान में वे कनाडियन मेडिकल सेंटर अबुधाबी के विभागाध्यक्ष हैं।

 दूरभाष पर उन्होंने बताया कि उक्त अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में फिलीपींस व आस्ट्रेलिया के कुल पांच दर्जन फिजियोथेरेपिस्ट प्रतिभाग कर रहे हैं। इसमें फिजियोथेरेपी के विभिन्न पहलुओं पर विचार व्यक्त किया गया है। साथ ही इसकी  व्यवहारिक जानकारी भी दी गई है। इनकी उपलब्धि से क्षेत्रीय ग्रामीणों में खुशी है।

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