जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

अनन्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पूजे ग‌ए आदिशिल्पी विश्वकर्मा भगवान

अनंत आईटीआई के निदेशक बच्चा राम यादव ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यक्ति को कार्य में कुशलता और उन्नति का आशीर्वाद मिलता है। कारोबार में भी वृद्धि होती है।
 

विश्वकर्मा पूजा के दिन होता आयोजन

हर साल 17 सितंबर को होती है आदिशिल्पी विश्वकर्मा की पूजा

कार्य में कुशलता और उन्नति का मिलता है आशीर्वाद

चंदौली जिले के ताराजीवनपुर इलाके में स्थित अनंत प्राइवेट आईटीआई में वास्तुकला और देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा विधिविधान से किया गया। भगवान विश्वकर्मा को सबसे पहला इंजीनियर माना जाता है। इस दिन फैक्ट्रियों, संस्थानों, दुकानों में औजारों और मशीनों, कार्य में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है।

अनंत आईटीआई के निदेशक बच्चा राम यादव ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यक्ति को कार्य में कुशलता और उन्नति का आशीर्वाद मिलता है। कारोबार में भी वृद्धि होती है। आगे कहा कि बह्मा जी ने भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का शिल्पीकार नियुक्त किया था। उन्होंने ही स्वर्ग लोक, इंद्रपुरी, द्वारिका नगरी, सोने की लंका, सुदामापुरी जैसे कई नगर और स्थानों का निर्माण किया था, जिसका इतिहास लोगों को बताया जाता है।

Adishilpi Vishwakarma Puaj

संस्थान के प्रधानाचार्य सुजीत कुमार यादव ने  कहा सोने की लंका के निर्माण के संबंध में एक कहानी है कि त्रिलोक विजेता बनने के बाद रावण के मन में अपनी प्रतिष्ठा के अनुकूल ऐसे नगर के निर्माण का विचार आया, जिसके आगे देवताओं  की अलकापुरी भी फीकी नजर आए। उसने शिव की आराधना कर उनसे सोने की लंका बनाने  में देवशिल्पी विश्वकर्मा का सहयोग मांगा।  शिव के कहने पर विश्वकर्मा ने सोने की लंका का ऐसा प्रारूप बनाया, जिसे देखते ही रावण की  बांछें खिल गईं ।

ऐसे ही अद्भुत कलाकार और उनकी कालकारी को आज याद किया जाता है। सभी स्टाफ व छात्रों ने संस्थान में उपस्थित सभी मशीनों उपकरणों पर पुष्प व आरती दिखाकर पूजा को संपन्न किया ।

इस मौके पर अनुदेशक सत्येन्द्र यादव, त्रिलोकीनाथ व छात्र अरविंद प्रजापति, पायल, नितीश, रोशन, संदीप, बबलु, लल्लू, शुभम जैसे तमाम लोग मौजूद रहे।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*