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मुगलसराय तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अधिवक्ताओं का हंगामा, तहसील को बिलारीडीह से हटाने की कर रहे मांग

तहसीलदार और एसडीएम प्लाटरों से मिलीभगत कर रात में दाखिल-खारिज का कार्य करते हैं, जबकि आम जनता और अधिवक्ताओं के कार्यों में टालमटोल की जाती है।
 

मुगलसराय तहसील में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिवक्ताओं का हल्लाबोल

वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने लगाए गंभीर आरोप

दाखिल-खारिज और खतौनी में खुलेआम रिश्वतखोरी का आरोप

चंदौली जिले में मुगलसराय तहसील में फैले भ्रष्टाचार को लेकर बुधवार को अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। सिविल बार एसोसिएशन चंदौली के बैनर तले वकीलों ने मुगलसराय तहसील को वर्तमान स्थान बिलारीडीह से हटाकर मुगलसराय नगर या अलीनगर के पास नेशनल हाईवे किनारे स्थापित करने की मांग की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने तहसील के अधिकारियों और कर्मचारियों पर रिश्वतखोरी, प्लाटरों से मिलीभगत और आम जनता के उत्पीड़न का आरोप लगाया।

वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने कहा कि मुगलसराय तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है। तहसीलदार और एसडीएम प्लाटरों से मिलीभगत कर रात में दाखिल-खारिज का कार्य करते हैं, जबकि आम जनता और अधिवक्ताओं के कार्यों में टालमटोल की जाती है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को न्याय पाने के लिए तहसील के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन बिना पैसे कोई कार्य नहीं होता।

पूर्व अध्यक्ष विजय साहू ने कहा कि तहसील बिलारीडीह में लेखपाल और पेशकार खुलेआम 10-10 हजार रुपये लेकर खतौनी का अंश निर्धारण करते हैं। इतना ही नहीं, दाखिल-खारिज कराने के नाम पर भी अवैध वसूली की जाती है।
पूर्व महामंत्री वीरेंद्र प्रताप सिंह दाढ़ी ने बताया कि खतौनी निकालने के लिए भी ₹100 वसूले जा रहे हैं, और अक्सर "सर्वर डाउन" बताकर रिश्वत ली जाती है। जनरेटर जानबूझकर नहीं चलाया जाता, जिससे जमानत के लिए आवश्यक खतौनी समय पर नहीं निकल पाती और कई अभियुक्त जेल में ही फंसे रहते हैं।

वकीलों का कहना है कि उपजिलाधिकारी मुगलसराय बड़े प्लाटरों से लाखों रुपये लेकर अवैध कब्जे और निर्माण कार्य करवाते हैं। आम जनता के मामलों की कोई सुनवाई नहीं होती। अधिवक्ताओं ने कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान सिर्फ तहसील को स्थानांतरित करने में है।

अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि मुगलसराय तहसील को तत्काल बिलारीडीह से हटाकर मुगलसराय नगर या पचफेड़वा अथवा अलीनगर के पास हाईवे किनारे स्थापित किया जाए।
अन्यथा, वे आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।

इस मौके पर संतोष कुमार पाठक, विजय साहू, वीरेंद्र प्रताप सिंह दाढ़ी, एस.पी. मिश्रा, घनश्याम तिवारी, गुलाब चंद्र, राशिद खान, नंदकुमार सिंह, अमित उपाध्याय, ललित शर्मा, विनोद राठौड़ सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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