पेपर लीक मामले में CBI का शिकंजा, गिरफ्तार अधिकारियों के कॉल डिटेल्स खंगाल रही CBI

गिरफ्तार अधिकारियों और कर्मचारियों के कॉल डिटेल्स की जांच शुरू
रेल मंडल कार्यालय में अस्थायी कैंप से हो रही निगरानी
गिरफ्तार लोगों के बातचीत करने वालों से की जा रही पूछताछ
कई अफसरों एवं रेलकर्मियों पर गिर सकती है गाज
चंदौली जिले के मुगलसराय में पीडीडीयू रेल मंडल के गिरफ्तार अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल काल डिटेल्ड निकालकर सीबीआई की टीम छानबीन करने में जुटी है। इससे वहीं मंडल कार्यालय में बने अस्थायी कैंप कार्यालय में सोमवार को काल डिटेल्ड के साथ ही विभागाध्क्षों से भी पूछताछ की है। रेलवे के कई और अफसरों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। इसे लेकर विभागों में खलबली मची हुई है। बीते दिनों पेप लीक और रिश्वत के मामले में दो अधिकारियों सहित 26 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सीबीआई की टीम लखनऊ लेकर रवाना हो गई थी।

आपको बता दें कि पीडीडीयू रेल मंडल में लोको इंस्पेक्टर पद के लिए विभागीय प्रोन्नति परीक्षा में सेंधमारी और रिश्वत लेने की सूचना पर सीबीआई की टीम दो अधिकारियों सहित 26 रेलकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान अधिकारियों सहित कई कर्मचारियों के आवास से 01.17 करोड़ नगदी बरामद हुआ था। पिछले सप्ताह महीने के दूसरे शनिवार और रविवार की छुट्टी के बाद कार्यालय में सुबह पौने दस बजे से अफसर और कर्मचारी पहुंचने लगे। विभागीय कार्यालय खुले, काफी संख्या में तैनात कर्मी भी पहुंचे लेकिन हर ओर सन्नाटा ही दिखा।
वही मंडल कार्यालय में अस्थायी कैंप कार्यालय में सीबीआई के अफसर आरोपियों के मोबाइल पर सबसे ज्यादा बातचीत और पेपर लीक के दिन किससे बातचीत हुई है, छानबीन करने में जुटी है। तीन और चार मार्च को छापेमारी के बाद लखनऊ गई सीबीआई की टीम बीते शुक्रवार को दोबारा शहर में लौटी और मंडल कार्यालय में जमी हुई है। विभागीय सूत्रों की माने तो अभी भी कुछ लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।

जल्द हो सकते हैं कई और कर्मचारियों के तबादले
पीडीडीयू रेल मंडल में वर्षों से कुंडली मारकर मलाईदार विभागों में जमे अधिकारियों और कर्मचारियों की कुंडली खंगाली जा रही है। सीबीआई के आलवा विभागीय जांच भी इनकी हो रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन सभी को मंडल कार्यालय से हटाया जाएगा। रेलवे बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार निर्धारित अवधि पूरा होने पर तबादला तय है। इसके लिए विभागीय छानबीन कराई जा रही है।
पीडीडीयू रेल मंडल में लगभग विभागों में वर्षों से दर्जनों बाबु कुंडली मारे बैठे है। इसमें इंजीनियरिंग विभाग, बिजली विभाग, कामर्शियल, टीआरएस, आपूर्ति विभाग आदि में टेंडर आदि काम के लिए निर्धारित बाबु ही वर्षों से काम कर रहे है। वही कमाऊ बाबुओं के इशारे पर ही टेंडर सहित सभी काम होते है। इसके अलावा कई रेलकर्मी अपने परिवार के सदस्यों का रजिस्ट्रेशन कराकर ठेकेदारी करते है। इसमें कई फर्म पर माल सप्लाई किया जाता है।
रेलकर्मियों को सता रहा सर्विलांस का भय
पीडीडीयू रेल मंडल में सीबीआई टीम की धमक से अधिकारियों और कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। सीबीआई की खौफ से उबर नहीं पा रहे हैं। उन्हें सर्विलांस का भय सता रहा है और मोबाइल पर रेलकर्मी किसी से बात करने से परेहज कर रहे है।
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