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PWD के ठेकेदारों की करतूत, जेसीबी से जबरन खोद रहे किसानों के खेत किया

 

किसानों के खेत में जबरदस्ती खनन

किसानों की फसल को हो रहा नुक़सान

SDM ने दिया क्षतिपूर्ति कराने का आदेश
 

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर तहसील अंतर्गत चंदरखा गांव के किसानों ने शुक्रवार की दोपहर जिला अधिकारी से मिलकर पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार के खिलाफ जबरदस्ती खेत की मिट्टी निकलने व पक्की फसल को नुकसान करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही मौके पर काम रुकवा दिया गया है।

कहा जा रहा है कि किसानों की आपत्ति पर जब काम नहीं रुका तो किसानों ने  गांव में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जैसे ही मामले की जानकारी एसडीएम विराग पांडेय को मिली उन्होंने तुरंत काम रुकवा कर कार्यदायी संस्था द्वारा किसानों को पक्की फसल के क्षतिपूर्ति के एवज में मुआवजा देने की बात कही। तब जाकर किसानों का प्रदर्शन खत्म किए।

आपको बता दें कि चंदरखा गांव के किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय जाकर लिखित देते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा चकरोड निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। जिसमें ठेकेदार के द्वारा बिना किसी आदेश खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाना और किसानों के खेतों से जबरदस्ती मिट्टी निकाला जा रहा है, जिससे खेतों में लगभग 5 फीट गड्ढा हो गया है। इससे गेहूं की फसल को काफी नुकसान हो रहा है। जबकि मौके पर चकरोड 15 कड़ी दर्ज है, लेकिन ठेकेदार द्वारा जबरदस्ती 30 कड़ी चक रोड बनाया जा रहा है।

किसानों ने कहा कि बिना अनुमति दिए व बिना मुआवजा दिए खेतों को जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है। जब ठेकेदार को मना किया गया तो ठेकेदार किसानों को जबरदस्ती मुकदमे में फंसाने की धमकी देने की बात कहने लगा। कई घंटे समय बीतने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसानों ने 4:00 बजे तक गांव में ही प्रदर्शन करना शुरू कर दिए। जैसे ही इसकी जानकारी एसडीएम विराग पांडेय को मिली उन्होंने तुरंत काम को रुकवा दिया।

किसान नेता तेजू यादव ने बताया कि मौके पर 12 फीट की सड़क पहले से दर्ज है, अचानक पीडब्ल्यूडी विभाग के ठेकेदार द्वारा लगभग 20 फीट चौड़ा कर दिया गया है। कहा कि खेत में गेहूं की फसल पकने वाली है, लेकिन अचानक जेसीबी से मिट्टी निकाल कर फसल को खराब किया गया है। नुकसान की गयी फसल का मुआवजा भी नहीं दिया गया है। 

chandarakha village road protest

गुफरान अहमद ने बताया कि चकरोड 10 से 12 फिट है। ठेकेदार द्वारा लगभग 18 से 20 फीट जबरदस्ती चौड़ा किया जा रहा है। लगभग 5 फीट मिट्टी भी निकल गई है और गेहूं की फसल भी बर्बाद हो गई है।

इस दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग के ठेकेदार मोनू तिवारी ने बताया कि मामला कुछ नहीं है। रोड बन रहा है एक फिट सहयोग नहीं करेंगे तो कैसे बनेगी। अगर यह रोड बन जाएगा तो यहां की जमीन की मालियत भी बढ़ जाएगी। कहा कि सरकार तो पैसा लगा रही है। ग्रामीण रोड पर सरकार का कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। अगर किसान रोड  बनवाना चाह रहे हैं तो ठीक, नहीं तो कोई बात नहीं। लेकिन एक दो लोगों को छोड़कर  लगभग सभी लोग रोड बनवाने के लिए तैयार हैं। गेहूं की फसल नुकसान का कारण यह है कि मार्च क्लोजिंग है, अगर काम खत्म नहीं होगा तो पैसा विभाग द्वारा सरेंडर कर दिया जाएगा। इसीलिए काम कराया जा रहा है।

इस संबंध में पीडीडीयू नगर एसडीएम विराग पांडेय ने बताया कि चंदरखा गांव में कार्यदायी संस्था के द्वारा रोड का कार्य किया जा रहा था। गांव के लोग प्रदर्शन करने लगे। जैसे ही सूचना मिली है। मौके पर लेखपाल को भेजकर काम को रुकवा दिया गया है और जो भी गांव के किसानों का खेत से मिट्टी व गेहूं की फैसले नुकसान हुई है, उसे जल्द कार्यदायी संस्था द्वारा क्षतिपूर्ति का आदेश दिया गया है।

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