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चंधासी कोल मंडी की धूल बनी जानलेवा, बाबा विश्वनाथ के भक्तों का 'धूल' से होता है स्वागत

एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी चंधासी अब जनता के लिए अभिशाप बन चुकी है। वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने अरबों की कमाई और गरीबों की मौत का मुद्दा उठाते हुए प्रशासन को घेरा है। आखिर क्यों अनसुनी हो रही है जनता की पुकार
 

चंधासी कोल मंडी बनी जानलेवा

सिक्स लेन पर ट्रकों का अवैध कब्जा

धूल के गुबार से बढ़ रही बीमारियां

अरबों की कमाई और गरीबों की मौत

मंडी अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग

चंधासी कोल मंडी: अरबों का कारोबार और मौत बांटती धूल, वरिष्ठ अधिवक्ता ने व्यवस्था पर साधा निशाना

एशिया की सबसे बड़ी कोयला मंडी के रूप में विख्यात चंधासी अब स्थानीय निवासियों और राहगीरों के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं रह गई है। जनपद के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने इस गंभीर मुद्दे पर प्रशासन को घेरते हुए कहा कि चंधासी आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के लिए एक बड़ा अभिशाप बन चुकी है। उनका आरोप है कि इस मंडी से रसूखदार और अमीर लोग तो हर साल अरबों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन इसके बदले में स्थानीय गरीब जनता को केवल बीमारियां और मौत मिल रही है। धूल के घातक कणों के कारण कई मजदूर और स्थानीय निवासी फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से ग्रसित होकर अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन व्यवस्था की चुप्पी बेहद चिंताजनक है।

सिक्स लेन पर अतिक्रमण और धूल का गुबार
 वरिष्ठ अधिवक्ता ने बुनियादी सुविधाओं और यातायात व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि करोड़ों की लागत से बनी सिक्स लेन सड़क पर भी ट्रकों का अवैध कब्जा बना रहता है। इस अतिक्रमण की वजह से आम राहगीरों को घंटों जाम में जूझना पड़ता है। विडंबना यह है कि इसी गंदगी और धूल भरे रास्ते से जिले के आला अधिकारी, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और प्रदेश के मंत्री नियमित रूप से गुजरते हैं, फिर भी आज तक इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। चंधासी की धूल न केवल फेफड़ों में जहर घोल रही है, बल्कि यह जिले की छवि को भी धूमिल कर रही है।

श्रद्धालुओं का अपमान और प्रशासनिक अनदेखी 
संतोष कुमार पाठक ने धार्मिक दृष्टि से भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया से बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थी इसी रास्ते से होकर वाराणसी जाते हैं। यह अत्यंत अफसोसजनक है कि महादेव की नगरी जाने वाले भक्तों का स्वागत चंधासी की कोल मंडी फूलों के बजाय जहरीली धूल और गंदगी से करती है। स्थानीय निवासियों ने इस समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को कई बार पत्र लिखकर गुहार लगाई है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। प्रशासन की इस उदासीनता के कारण आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है।

मंडी को स्थानांतरित करने की पुरजोर मांग
 खबर के अंत में अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने सरकार और जिला प्रशासन से एक ठोस समाधान की अपील की है। उन्होंने पुरजोर मांग उठाई कि चंधासी की इस कोयला मंडी को शहर की आबादी से दूर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि जब तक यह मंडी यहाँ रहेगी, तब तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के निवासियों और राहगीरों को इस जानलेवा धूल और जाम से मुक्ति नहीं मिल पाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास और व्यापार के नाम पर जनता की जान से खिलवाड़ बंद होना चाहिए और बाबा विश्वनाथ के मार्ग को प्रदूषण मुक्त बनाना शासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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