PDD जंक्शन पर यात्रियों से अवैध वसूली का खेल जारी, पार्किंग के नाम पर ठगी से यात्री परेशान

पीडीडीयू जंक्शन पर वाहन स्टैंड बना अवैध वसूली का अड्डा
अपने वाहन से यात्री को छोड़ने पर भी वसूला जा रहा शुल्क
विरोध करने पर की जा रही बदसलूकी और धमकी
आरपीएफ और जीआरपी पर मिलीभगत के गंभीर आरोप
चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शुमार पीडीडीयू जंक्शन पर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर भले ही रेलवे हाई सिक्योरिटी प्लान और आधुनिक इंतजामों की बात करता हो, लेकिन हकीकत इससे इतर है। स्टेशन के चारों ओर बने वाहन स्टैंड अवैध वसूली और दबंगई का केंद्र बन चुके हैं। यात्रियों को लाने और छोड़ने आने वाले परिजनों से भी जबरन वसूली की जा रही है, जिससे न केवल यात्रियों की जेब कट रही है, बल्कि स्टेशन की छवि भी धूमिल हो रही है।

दौड़ाकर की जा रही वसूली
जंक्शन पर आने वाले यात्री जब अपने निजी चार पहिया वाहन से उतरते हैं और चालक वापस लौटना चाहता है, तो वाहन स्टैंड संचालकों द्वारा उससे जबरन पैसा वसूला जाता है। विरोध करने पर बदसलूकी और धमकियों तक की नौबत आ जाती है। कई मामलों में तो यात्रियों या उनके परिजनों के साथ हाथापाई की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।

पार्सल साइड बना अवैध वाहन स्टैंड
जंक्शन की पार्सल साइड, जहां हाई सिक्योरिटी व्यवस्था होनी चाहिए, आजकल चार पहिया वाहनों की अवैध पार्किंग का अड्डा बन चुकी है। यहां बिना किसी टेंडर या अनुबंध के खुलेआम पैसा वसूला जा रहा है। नियमों के अनुसार, केवल वैध टेंडर वाले स्टैंड से ही शुल्क वसूला जा सकता है, वह भी निर्धारित समय और मापदंड के अनुसार। मगर यहां नियमों को ताक पर रखकर हर गाड़ी से शुल्क लिया जा रहा है।
जांच और निगरानी का अभाव
आरपीएफ और जीआरपी जैसी सुरक्षा एजेंसियां इस पूरी व्यवस्था को केवल मूकदर्शक बनकर देख रही हैं। अवैध वसूली को लेकर इनके खिलाफ भी मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। यात्री भी इन अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगा रहे हैं।
बोर्ड टूटे-फूटे, जानकारी नदारद
स्टेशन के बाहर लगे पार्किंग बोर्डों की हालत जर्जर है। अधिकांश स्थानों पर न तो कंपनी का नाम लिखा है, न मोबाइल नंबर और न ही शिकायत करने के लिए कोई आधिकारिक सूचना दी गई है। मशीन से वसूली की व्यवस्था महज दिखावे की रह गई है, जबकि पूर्व में राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
टेंडर विहीन क्षेत्र में भी वसूली
रेलवे ने सर्कुलेटिंग एरिया को तीन भागों में विभाजित कर तीन प्रकार के पार्किंग स्टैंड स्वीकृत किए हैं – श्री पार्किंग, टू-व्हीलर पार्किंग और फोर-व्हीलर पार्किंग। लेकिन जहां टेंडर नहीं हुआ है, वहां भी दबंग संचालकों द्वारा वसूली की जा रही है।
रेलवे अधिकारी ने दी सफाई
इस पूरे प्रकरण पर मंडल वाणिज्य प्रबंधक और जनसंपर्क अधिकारी विश्वनाथ ने कहा,
"मामले की जानकारी नहीं थी। संबंधित विभाग से चर्चा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पार्किंग के नाम पर अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
यात्रियों की मांग – तत्काल हो कार्रवाई
स्थानीय व्यापारियों और यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि स्टेशन पर अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए, वैध पार्किंग स्थलों की स्पष्ट पहचान हो और शिकायत के लिए एक प्रभावी व्यवस्था लागू की जाए।
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