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शराब तस्करी में शामिल हैं रेलवे से जुड़े कुछ लोग, इसलिए नहीं हो रहा है सफाया

डीडीयू जंक्शन से हो रही अवैध शराब की तस्करी को लेकर भाजपा के भदोही के सांसद भी एक्टिव हैं और रेलवे की मीटिंग में इस मुद्दे को उठा कर रेलवे के अफसरों को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
 

सत्तापक्ष व विपक्ष के सांसद उठा रहे हैं सवाल

आखिर क्यों चर्चा में बना रहता है डीडीयू जंक्शन

क्यों नहीं रेल अफसरों को दिखता है स्टेशन और आसपास का अवैध कारोबार

चंदौली जनपद का डीडीयू जंक्शन इस समय भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। यही नहीं, जहां विपक्ष लगातार सरकारी तंत्र के लोगों पर उंगली उठाता रहा है, वहीं डीडीयू जंक्शन से हो रही अवैध शराब की तस्करी को लेकर भाजपा के भदोही के सांसद भी एक्टिव हैं और रेलवे की मीटिंग में इस मुद्दे को उठा कर रेलवे के अफसरों को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीडीयू जंक्शन पर प्रशासनिक मिलीभगत से कितने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और अधिकारी आंख मूदे हुए हैं।

आपको बता दें कि चंदौली जनपद के डीडीयू जंक्शन से शराब की तस्करी के मामले को लेकर चारों तरफ किरकिरी हो रही है, जिस पर जंक्शन के सुरक्षा कर्मियों द्वारा एक दिन पहले 10 शराब तस्करों को पड़कर उनके कब्जे से तस्करी के लिए ले जा रहे भारी मात्रा में शराब पकड़ा गया। जहां बक्सर जंक्शन के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आरोप लगाया गया कि डीडीयू जंक्शन से शराब की तस्करी भारी पैमाने पर कराई जाती है, जिसके कारण ट्रेनों से शराब बिहार के लिए ले जाई जाती है।

वहीं भदोही के सांसद व जनपद के निवासी डॉक्टर विनोद बिंद ने भी एक बैठक में डीडीयू जंक्शन से शराब तस्करी के मामले को उठाया था, यही नहीं चंदौली के विपक्ष के सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी शराब तस्करी के मामले को लेकर सवाल उठा रहे है।

आखिर भ्रष्टाचार के मामले को लेकर डीडीयू जंक्शन स्थित पूर्व मध्य रेल के मंडलीय कार्यालय में सीबीआई ने रेड डालकर जहां अधिकारियों सहित 26 रेल कर्मियों को गिरफ्तार किया है था, इस बड़ी कार्यवाही के बाद भी डीडीयू जंक्शन से अवैध शराब की तस्करी का खेल बदस्तूर जारी है। यह लोगों में बेहद चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर कौन लोग हैं जो की इस बड़े भ्रष्टाचार के खेल का संचालन कर रहे हैं।

यही नहीं शराब की तस्करी के मामले को लेकर दो आरपीएफ के सुरक्षा कर्मियों की भी ट्रेन में नृशंस हत्या कर दी गई थी। उसके बावजूद भी उस मामले में जांच भी बैठी थी, लेकिन मामला ठंडा बसते में डाल दिया गया और इस तस्करी के मामले में तस्करों का इनकाउंटर व गिरफ्तारी करके सरकारी तंत्र को बचाने का प्रयास किया गया है। अगर जंक्शन से शराब तस्करी का धंधा इसी तरह जारी रहा तो किसी दिन और बड़ी घटना हो सकती है, जिसमें ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों की जान जा सकती है।

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