डॉ राजेंद्र चंद्र कांत ने सुनाए हरिशंकर परसाई से जुड़े कई संस्मरण
लाल बहादुर शास्त्री स्नाकोत्तर महाविद्यालय में आयोजन
डॉ राजेंद्र चंद्र कांत राय ने रखे अपने विचार
जबलपुर से पधारे हैं डॉ राजेन्द्र चन्द्रकांत राय
चंदौली जिले के लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दीनदयाल उपाध्याय नगर के पं पारसनाथ तिवारी लेखक से मिले। इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में जबलपुर से पधारे डा राजेन्द्र चन्द्रकांत राय ने अपने विचार रखे। साथ ही साहित्य से जुड़ी कई चर्चाएं कीं।
इस दौरान डा राजेन्द्र चन्द्रकांत राय ने कहा कि हरिशंकर परसाई ने जटिल और संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए व्यंग की अचूक रचनाएँ लिखी। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में मूल्य व नैतिकता होगी तो उसका व्यक्तित्व हरिशंकर परसाई जैसा अनूठा होगा। डा राय ने विद्यार्थियों के सामने हरिशंकर परसाई से जुड़ी एक संस्मरण सुनाया और कहा कि परसाई जी के विद्यार्थी रहे महान गायक व अभिनेता किशोर कुमार मुंबई में रहने हेतु आग्रह किया और कहा कि मुंबई सपने को पूरा करने की नगरी है। इस कारण आप यहीं पर रहे, किशोर कुमार के आग्रह को उन्होंने बहुत आदर के साथ अस्वीकार करते हुए कहा कि मेरा लक्ष्य बेहतर मनुष्य बनना, बेहतर मनुष्य बनाना और उसी से बेहतर समाज बनाना है। जिसे मैं यहाँ रहकर साकार नहीं कर पाऊँगा। क्योंकि मेरी जड़ें यहाँ नहीं बल्कि जबलपुर में है।
इस कार्यक्रम के आरंभ में डा राजेन्द्र चन्द्रकान्त राय का परिचय प्रो इशरत जहां ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की रूपरेखा डॉ विनोद ने, अतिथि का स्वागत प्रो उदयन ने, संचालन डा साधना ने व धन्यवाद ज्ञापन प्रो राजीव ने किया।
इस अवसर पर डॉ वंदना, प्रो अमित, प्रो अरुण, डॉ गुलजबी, डॉ भावना, डॉ विवेक, डॉ संदीप, डॉ मनोज, डॉ मनोज वर्मा, डॉ युवराज, डॉ सुनील, डॉ हर्षवर्धन, डॉ शरद, डॉ विजयलक्ष्मी विनीत, अतुल आदि के साथ महाविद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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