चंदासी कोयला मंडी की धूल से नहीं मिलेगी मुक्ति, कोई नहीं चाहता जल्दी निकले रास्ता
मंडी की क्षतिग्रस्त सड़कों से परेशान है राहगीर
सबसे ज्यादा राजस्व मिलने वाले कोयला मंडी का ये है हाल
धूल की समस्या से परेशान रहते हैं मंडी में काम करने वाले
चेयरमैन बोलीं-6 लेन बन जाने के बाद हो जाएगा समाधान
चंदौली जिले के मुगलसराय से पड़ाव की ओर जाने वाली सड़क में बने गड्ढों से राहगीर बहुत परेशान हो रहे हैं। इसके साथ ही दिन-रात उड़ रही धूल और गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं में घायल हो रहे हैं। एशिया की सबसे बड़ी चंदासी स्थित कोल मंडी के पास इतनी धूल रहती हैं कि वहां से लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी होती है। गाड़ी चलाते वक्त आंखों में धूल पड़ने से वहां एक्सीडेंट का खतरा भी बना रहता है।
बताते चलें कि सरकार द्वारा जिले में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली इस कोल मंडी में सुविधाओं का टोटा है। दो पहिया या पैदल लोग यहां से गुजरना ही नहीं चाहते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी यहां कोयला लदे ट्रकों के आने जाने के कारण उड़ने वाली धूल से हो रही है। चंधासी कोल मंडी में जिधर भी नजर जाती है उधर धूल उड़ता हुआ दिखाई देता है। इसके लिए चर्चाएं तो होती हैं, लेकिन रास्ता नहीं निकाला जाता है।
इस कोयला मंडी से हर महीने करोड़ों रुपये का राजस्व सरकार के खाते में जाता है लेकिन अब तक यहां के विकास के नाम पर कुछ भी खर्च नहीं किया गया है। मंडी में पेयजल, शौचालय व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। कोयला मंडी में व्यापारी व मजदूर मिलाकर लगभग 50 हजार लोगभारी-भरकम राजस्व देने के बावजूद ठगे जा रहे हैं।
वहीं इन दिनों सिक्स लेन के नाम पर खोदकर छोड़े गए गड्ढों से निकली मिट्टी भी धूल बनकर उड़ रही है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी बाइक और साइकिल सवारों को होती है।
इस संबंध में पीडीडीयू नगर पालिका परिषद के चेयरमैन सोनू किन्नर का कहना है कि समय-समय पर कर्मचारियों को भेजकर सड़क के किनारे जमा धूल की सफाई कराई जाती है। पिछले रविवार को भी धूल की सफाई कराई गई थी। सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण धूल जल्दी जमा हो जाती है। सिक्स लेन बन जाने के बाद समस्या का समाधान हो जाएगा।
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