स्टेशन पर कब और कैसे चेक होती है खाने की क्वालिटी, आखिर कैसे मिल गया 'इट राइट' का तमगा
कई वर्षों से खाने की गुणवत्ता की नहीं हुई जांच
मिल गया इट राइट का तमगा
रेल अफसरों का अपना अलग है दावा
कब पड़ती है यहां खाद्य संरक्षा अधिकारी की नजर
चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में हावड़ा दिल्ली रूट पर अति व्यस्त पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन को इट राइट का तमगा मिल गया है। इसका अर्थ है कि यहां मिलने वाले खाद्य पदार्थ खाने योग्य हैं। यह तमगा तब मिला है जब यहां के स्टालों पर तैयार खाद्य सामग्री की जांच नियमित रूप से तय अंतराल पर नहीं हो रही है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यहां पिछले 4 सालों से कोई जांच नहीं हुई है।मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता नियंत्रण के कार्य को नजर अंदाज किया जा रहा है। वहीं खाद्य संरक्षा अधिकारी और स्वास्थ्य निरीक्षकों की ओर से उचित मात्रा में खाद्य नमूने नहीं लिए जा रहे हैं, जिससे सब कुछ अंदाजे से चल रहा है।
आपको बता दें कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से प्रतिदिन 20 से 25 हजार यात्री ट्रेनों पर सवार होते हैं और उतरते हैं। यात्रियों को उत्तम खान पान की सेवा देने के लिए दो रेस्टोरेंट, एक जनाहार सहित आठ प्लेटफार्मों पर लगभग 50 खान पान के स्टाल हैं। लगभग एक वर्ष पहले ही राष्ट्रीय एजेंसी ने रेलवे स्टेशन को इट राइट का तमगा दिया है। इसका मतलब है कि यहां का भोजन खाने योग्य है। रेलवे स्टेशन पर खान पान की क्वालिटी बनी रहे। इसकी जांच के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं।
ये है चेकिंग का नियम
पीडीडीयू नगर के रेलवे स्टेशन के खान पान स्टालों और ट्रेनों के पैंट्रीकार वेंडरों की वैधता आदि की जांच वाणिज्य विभाग करता है। सुरक्षा के लिए आरपीएफ साथ रहती है। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग को स्टालों पर खाने के क्वालिटी की जांच करनी है। इसके लिए विशेष कर खाने में प्रयुक्त होने वाले तेल, चावल, मसाला आदि की जांच करती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग को बैक्टीरिया की जांच करनी है। इसके लिए महीने में चार बार स्टालों से पके पकाए भोजन के नमूने एकत्र करने हैं। लैब में इसकी जांच की जानी है। यहीं हाल ट्रेनों के पैंट्रीकार की भी है। पेंट्रीकार से महीने में दो नमूने एकत्र करने हैं।
रेल अफसरों का अपना है दावा
इस संबंध में पीडीडीयू मंडल जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशनों के स्टालों और ट्रेनों के पेंट्रीकार की जांच की जाती है। इसके लिए बकायदा समय सारिणी बनी हुई है। इसके आधार पर नमूने एकत्र किए जाते हैं और जांच की जाती है। खाने की गुणवत्ता अच्छी मिलने पर ही स्टेशन को इट राइट का दर्जा दिया गया है।
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