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पैसे लेकर तरक्की के खेल में तय थी सबकी भूमिका और हिस्सा, ये साहब थे असली कलाकार

सीबीआई की ओर से दर्ज एफआइआर की मानें तो सीनियर डीईई आपरेशन सुशांत पाराशर, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार ने एक अन्य अधिकारी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का खेल शुरू किया। 
 

कई उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर फायदा देने की कोशिश

सीबीआई ने सबके मंसूबों पर फेरा पानी

सीनियर डीईई ऑपेरशन सुशांत पराशर का रोल भी सबसे खास

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर भ्रष्टाचार के इस खेल में सभी कर्मियों व अधिकारियों की भूमिका तय थी। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआइआर की मानें तो सीनियर डीईई आपरेशन सुशांत पाराशर, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार ने एक अन्य अधिकारी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का खेल शुरू किया। 


बताया जा रहा है कि विभागीय परीक्षा में बैठने वाले कई उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर उन्हें लाभ पहुंचाने की साजिश रची गई। अधिकारियों ने मातहत अफसरों और कर्मचारियों को उम्मीदवार लाने की जिम्मेदारी सौंपी। एक अधिकारी रिश्वत की रकम वसूल रहा था, उसने एक महिला को घूस की रकम लिफाफे में रखकर दी, जिसकी तलाश की जा रही है। एक अन्य लोको पायलट कृष्ण यादव पर अभ्यर्थियों से पहले ही घूस की रकम वसूलने का आरोप है, जबकि ओएस एनके वर्मा, लोको पायलट नित्यानंद यादव, सूर्यनाथ की जिम्मेदारी घूस की रकम अपने पास रखने और उसे अधिकारियों को सौंपने का दायित्व था। 


आरोपित सूर्यनाथ एक अभ्यर्थी है, जिसने एक अन्य अभ्यर्थी से 1.5 लाख रुपये लिए। गिरफ्तार सीएलआइ अजीत सिंह पर एक व्यक्ति से रिश्वत के लिए सहमति बनाने का आरोप है। आरोप है कि सीनियर डीईई आपेरशन सुशांत पराशर ने सहायक लोको पायलट अनीश कुमार को प्रश्न पत्र दिया था। 


वहीं अनीश पर आरोप है कि उसने प्रश्नपत्र एनके वर्मा को सौंपा ताकि उसे लीक किया जा सके। पायलट आरएनएस यादव और सीएलआइ अजीत सिंह पर घूस देने वाले उम्मीदवारों को इकट्ठा करने और उन्हें पेपर बताने का भी आरोप है।


 

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