रिश्वत देकर इंस्पेक्टर बनना चाहते थे 19 लोको पायलट, CBI ने बिगाड़ दी पूरी सेटिंग व खेल

परिचालन व्यवस्था की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर हैं रेलवे के अधिकारी
सीबीआई को मिली थी धांधली होने की शिकायत
एक मार्च को ही मुगलसराय पहुंच गई थी सीबीआई टीम
परीक्षा देने वालों ने ही की थी शिकायत
चंदौली जिले में 19 लोको पायलटों ने रिश्वत देकर लोको इंस्पेक्टर बनने का सपना संजोया था। इनका कार्य लोको पायलट की काउंसिलिंग करना, यात्री व गुड्स ट्रेन चलाने से संबंधित जानकारी देना था। ट्रेन ले जाते समय मादक पदार्थ का सेवन जैसे तमाम बिंदुओं को जांचने का काम लोको इंस्पेक्टर को करना होता है।

लोगों का मानना है कि अगर ऐसे ही लोग रिश्वत के दम पर चुन लिए जाते तो रेल यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होता। ऐसे लोको इंस्पेक्टर यहां आते तो क्या अवैध कमाई के लिए लोको पायलट की गलतियों को अनदेखा नहीं करते। ऐसे कई सवाल लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि रेल अधिकारी ही रेलवे की सुरक्षा व परिचालन व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
वरीय मंडल विद्युत अभियंता आपरेशन सुशांत पराशर पेपर बनाते हैं और वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार परीक्षा संपन्न कराते हैं। 80 लोको पायलटों ने इस परीक्षा में भाग लेने के लिए फार्म भरा था। 19 पद की जरूरत थी। इस मामले में इंदु प्रकाश की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। सीबीआइ की टीम ने उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया क्योंकि परीक्षा संपन्न नहीं हुई और वह पेपर जांच नहीं सके। इसके अलावा उनके घर पर हुई जांच में कोई कैश भी बरामद नहीं हुआ। अब देखना यह है कि विवेचना में अभी और कितने लोग सीबीआइ की गिरफ्त में आते हैं या बच जाते हैं। सभी को मालूम है कि इस परीक्षा को संपन्न कराने में रिश्वत का खेल चलता है। सीबीआइ की जांच में अभी कई और राज खुलने के आसार हैं।

भविष्य में सख्ती से होगी आरआरबी की परीक्षा, प्रक्रिया पर भी नकेल
रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) की परीक्षा भविष्य में सख्ती से होगी। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि परीक्षा से केवल चार दिन पहले परीक्षार्थियों को केंद्र की जानकारी दी जाएगी। संचालन दल व केंद्र के लोगों को परीक्षा से ठीक दो घंटे पहले परीक्षार्थी के बारे में जानकारी मिलेगी। परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों की सघन जांच होगी। मेटल डिटेक्टरी की मदद से जांच प्रक्रिया पूरी की जाएगी। प्रवेश से पहले व परीक्षा के बीच में तथा प्रत्येक वायो ब्रेक के बाद बायोमेट्रिक उपस्थिति (एलटीआइ और डिजिटल दोनी) ली जाएगी। लिखावट का नमूना भी लिया जाएगा। यह प्रक्रिया परीक्षा के सभी चरणों में और दस्तावेज सत्यापन के समय दोहराई जाएगी।
एक मार्च को पहुंच गई थी सीबीआइ टीम
सीबीआइ टीम ने तीन मार्च को रात से लोको पायलट व रेल अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। सूत्रों की मानें तो टेलीफोन से हुई शिकायत पर सक्रिय हुई सीबीआइ की टीम डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में बीते एक मार्च को ही मुगालसराय पहुंच गई थी। चर्चा यह भी है कि परीक्षा देने वाले ४० अभ्यर्थियों में से ही किसी ने सीबीआइ को धांधली होने की शिकायत की थी।
टीम के अधिकारी व कर्मी चार पहिया वाहनों से नहीं बल्कि बाइक व स्कूटी से मुगलसराय पहुंचे और रेलवे कालोनी सहित शहर के विभिन्न संदेहास्पद जगहों की निगरानी शुरू कर दी। सीबीआइ टीम के सदस्य परीक्षा से जुड़े अधिकारियों व बाबुओं के मोबाइल को सर्विलांस पर लेकर आपस में हो रही बातचीत को सुनने लगी। जैसे ही टीम को कुछ पुख्ता साक्ष्य हाथ लगे, टीम के सदस्य तीन मार्च की रात सक्रिय हो गई।
टीम के सदस्यों को जैसे ही कालीमहाल स्थित राज मैरिज लान व सिद्धार्थपुरम स्थित एक आवास में लोको पायलटों के पहुंचने की सूचना मिली, टीम ने स्थानीय पुलिस व पीएससी की मदद से छापेमारी शुरू कर दी। पहले तो नौ लोगों को हिरासत में लिया और मुगलसराय कोतवाली में पूछताछ के दौरान ही विभिन्न जगहों से छापेमारी कर अन्य लोको पायलट व अधिकारियों को भी दबोच लिया। अगले दिन चार मार्च को डीआरएम भवन के सभागार में पूछताछ के बाद सभी आरोपितों को अपने साथ टीम ले गई।
वरीय मंडल विद्युत अभियंता आपरेशन सुशांत पराशर की गिरफ्तारी के बाद से उक्त पद रिक्त चल रहा है। मंडल में ही कार्यरत वरीय मंडल अभियंता विद्युत जनरल सुनील कुमार को वरीय मंडल विद्युत अभियंता आपरेशन का पदभार भी ग्रहण करने का आदेश हाजीपुर के प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर राजेंद्र कुमार चौधरी ने दिया है।
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