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महाकुंभ में भीड़ के चलते ऐसा कष्ट सहने को मजबूर हैं तीर्थयात्री, सुनिए कैसे छलक रहा है लोगों का दर्द

केरला से कुंभस्नान के लिए निकला दल ट्रेन की भीड़ के कारण प्रयागराज के बजाय वापस जाने की तैयारी में जुट गया है। प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने शैलदेवी वालों का रेला कम नहीं हो रहा है।
 

कुछ लोग अपने परिवार से बिछड़े

कोई दो दिन से बिना खाए भटक रहा है

प्रयागराज महाकुंभ स्नान के बाद कई की ट्रेनें छूटीं तो पैदल चलने को मजबूर

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में महाकुंभ स्नान के बाद प्रयाग से लौटने वालों की अजब गजब कहानी सामने आ रही है। महाकुंभ में भीड़ के कारण कोई साधी से बिछड़ गया है तो किसी की ट्रेन छूट गई।

पीडीडीयू जंक्शन पर भटक रहीं बिहार निवासी लीलावती 20 महिलाओं के साथ प्रयागराज कुंभस्नान के लिए गई थी लेकिन अपनों का साथ छूट गया। केरला से कुंभस्नान के लिए निकला दल ट्रेन की भीड़ के कारण प्रयागराज के बजाय वापस जाने की तैयारी में जुट गया है। प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने शैलदेवी वालों का रेला कम नहीं हो रहा है। अत्यधिक भीड़ के कारण प्रयागराज पहुंचना जितना कठिन है, वापसी उससे भी कठिन दिख रही है।

जाना था सिवान पहुंच गई पीडीडीयू जंक्शन

बिहार के सिवान जिले के महुअर निवासी लीलावती बीस महिलाओं के साथ प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए गई थी। रविवार को स्नान करने के बाद सभी महिलाएं प्रयागराज पहुंची लेकिन यहां भीड़ में लीलावती के साथ ही महिलाएं छूट गई। इसके बाद वहां से किसी ने उन्हें पीडीडीयू जंक्शन आने वाली ट्रेन में बैठा दिया। यहां भूखे प्यासे लीलावती रो रो कर सहायता मांगती दिखीं। बताया कि साहब दो दिन से कुछ खाया नहीं। सिवान जाने के लिए पैसे तक नहीं है। इसके बाद आरपीएफ ने महिला को खाना खिलाया और वाराणसी के लिए ऑटो में बैठाया।

अयोध्या गई, वाराणसी, आई कहीं नहीं हुआ दर्शन

पति पया और पड़ोस की मानती देवी, बिन्नी देवी आदि के साथ प्रयागराज कुंभस्नान कर वापस आई रूबी देवी ने बताया कि वे बिहार के पूर्णिया से कुंभ स्नान के लिए आए थे। प्रयागराज में 18 से बीस किमी पैदल रुबी देवी को चलना पड़ा। यहां से किसी तरह हिम्मत जुटा कर अयोध्या दर्शन करने गए लेकिन यहां इतनी भीड़ थी कि रामलला के दर्शन नहीं हो पाए। वहां से काशी दर्शन के लिए आया। यहां गंगा स्नान तो कर लिया लेकिन बाबा
विश्वनाथ के दर्शन नहीं हुए।

बिना कुभ स्नान कर लौट रही केरला

केरला से काशी, अयोध्या और गया के बाद कुंभ स्नान करने के लिए तीर्थयात्रियों का दल निकला था। दल में शामिल राधासुमन ने बताया कि हम लोग पहले अयोध्या गए, यहां भीड़ देख कर डर गई, पांच घंटे तक लाइन में लगी, इसके बाद वाराणसी पहुंची। यहां भी लंबी कतार के बाद अब कुंभ जाने की हिम्मत नहीं बयी। ट्रेन की स्थिति ऐसी थी कि रिजर्वेशन के बाद भी सीट पर नहीं बैठ सकी। अब बिना कुंभ स्नान के वापस केरला लौट रही हूं।

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