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मिल्कीपुर में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ ग्रामीणों की महापंचायत, सरकार को दी खुली चेतावनी

उल्लेखनीय है कि 2018 से इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए कोशिश जारी है किन्तु अभी तक भूस्वामियों कि सहमति शासन प्रशासन नहीं प्राप्त कर पाया है।
 

बंदरगाह और फ्रेट विलेज परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण पर ग्रामीणों का एकजुट विरोध

2018 से चल रही अधिग्रहण प्रक्रिया को ग्रामीणों ने बताया अन्यायपूर्ण

महापंचायत में ग्रामीणों ने लिया फैसला

बोले - मातृभूमि नहीं देंगे किसी भी कीमत पर

चंदौली जिले के मुग़लसराय के मिल्कीपुर में बंदरगाह तथा फ्रेट विलेज़ के लिए जमीन को अधिग्रहण करने के सरकार के मंसूबों में रोड़ा अटक सकता है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने एकजुट होकर सरकार को किसी भी सूरत में जमीन नहीं देने का निर्णय लिया है। यहां से जुड़े ग्रामीणों ने आज एक महापंचायत कर इस बात का ऐलान कर दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि यह हमारी मातृ भूमि है और अपनी इस मातृ भूमि को जबरदस्ती अधिग्रहीत नहीं करने देंगे । ग्रामीणों ने सरकार को साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार पीछे न हटी तो आने वाले समय में सरकार को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि 2018 से इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए कोशिश जारी है किन्तु अभी तक भूस्वामियों कि सहमति शासन प्रशासन नहीं प्राप्त कर पाया है। 20 मई को को मुगलसराय एसडीएम द्वारा जबरी पुलिस फोर्स तथा जेसीबी के द्वारा जमीन अधिग्रहण करने गए थे जिसका ग्रामीणों ने भारी विरोध कर उन्हें उलटे पाव वापस भेजनें का काम किया था। उसके बाद से ही पूरे क्षेत्र के लोगों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

इस दौरान ईशान मिल्की, अखिलेश सिंह, विनय मौर्या, चंद्रप्रकाश मौर्या, मास्टर विद्याधर, डब्लू साहनी, वीरेंद्र साहनी, राजेंद्र साहनी, राजेश नेता, भगवानदास निषाद, मो जकी, राजनाथ साहनी, रतन साहनी, नीतीश साहनी, शिवम साहनी, आदि ने बताया कि हम सब किसी भी हालत में यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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