मजदूरी के लिए बच्चों को ले जाने की सूचना, चाइल्ड लाइन ने जांच की तो गलत निकली सूचना
मदरसा में दाखिले के लिए जा रहे थे नाबालिक बच्चे
ऐसा दिखा दीनदयाल रेलवे स्टेशन पर नजारा
51 बच्चों को आरपीएफ ने किया बरामद
चंदौली जिले के दीनदयाल रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म 3 पर गुरुवार को 11:30 बजे आकर रुकी कामाख्या गांधीधाम एक्सप्रेस से मदरसे में दाखिला के लिए जा रहे चार दर्जन नाबालिक बच्चे सहित अभिभावक को आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने उतार दिया। नाबालिक बच्चों को आरपीएफ ने स्टेशन पोस्ट ले आई।
कहा जा रहा है कि सूचना पर मौके पर पहुंचे जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने मौके पर बच्चों से जाकर पूछताछ की, लेकिन नाबालिक बच्चों के अभिभावकों का कहना था कि मदरसे में दाखिला के लिए हम लोग ले जा रहे थे, ऐसे में पुलिसिया कार्रवाई गलत है। वहीं चाइल्ड लाइन संस्था की सूचना पर आरपीएफ व जीआरपी के जवानों ने उतार लिया और आरपीएफ स्टेशन पोस्ट ले आयी है।
आपको बता दें कि बाल मजदूरी के लिए नाबालिग बच्चों को आये दिन स्थानीय रेलवे स्टेशन पर उतार कर उनसे पूछताछ के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाती है। इसी क्रम में चाइल्ड लाइन संस्था के पदाधिकारियों की को उनके सूत्रों से सूचना मिली कि कामख्या गांधीधाम एक्सप्रेस के एस 6 कोच में कुछ नाबालिग बच्चों को मजदूरी के लिये ले जाया जा रहा है।
चाइल्ड लाइन की सूचना पर हरकत में आई आरपीएफ की टीम प्रभारी निरीक्षक प्रदीप रावत के नेतृत्व में जीआरपी के एसआई मुन्नालाल व उनके हमराहियों के साथ ट्रेन के आते उक्त बताए कोच में चढ़ गये और लगभग 3-4 दर्जन बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी उतार लिया व उन्हें आरपीएफ स्टेशन पोस्ट ले आये।
हालांकि इस दौरान मीडिया के लोगों को कई बार फोटो लेने व उनके अभिभावकों से मिलने से रोक दिया गया। जबकि अभिभावकों का कहना था कि सभी को मदरसे में दाखिला के लिए ले जाया जा रहा था। ऐसे में पुलिसिया करवाई गलत है। एक तरफ भीषण गर्मी दूसरी तरफ ट्रेनों में टिकट की मारामारी के बीच वैध टिकट अर्थात ट्रेन में सम्मान के साथ यात्रा का अधिपत्र लेकर जा रहे यात्रियों को गंतव्य से पहले किसके आदेश पर उतारा गया,क्या नाबालिगों को ट्रेन में यात्रा की अनुमति नहीं है।
इस संबंध में आरपीएफ प्रभारी पीके रावत ने बताया कि चाइल्ड ले जाने की सूचना मिली थी । जिसमें नाबालिक बच्चों को उतारा गया है। जो बताया जा रहा था कि मदरसे में तालीम दिलाने के लिए ले जाया जा रहा है, लेकिन कोई दस्तावेज न होने के कारण उन्हें उतारा गया है । हम आरपीएफ के जवान यात्रियों की सहायता एवं सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।
इस बाबत जब आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक से पूछा गया तो पहले तो उन्होंने कहा कि निगेटिव बात न करें में कहा कि शंका वश उतार लिया गया था। ट्रेन चली जाती तो परेशानी होती जिसकी भरपाई आरपीएफ को ही करनी होती। यह तो ट्रेन रुक गई इसलिए उन्हें चढ़ा दिया गया।
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