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महाबोधि एक्सप्रेस में अजगर और कोबरा मिलने से हड़कंप, तस्करों की तलाश जारी

छानबीन में सांप दिखने पर जनरल बोगी के यात्रियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जवान बैग लेकर थाने पहुंचे। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बैग से दो अजगर और दो कोबरा बरामद किया।
 

जनरल बोगी में मिले लावारिस बैग से सांप बरामद

जीआरपी की रुटीन चेकिंग में हुआ खुलासा

रेलवे पुलिस ने बरामद सांपों को वन विभाग को सौंपा

यात्रियों में दहशत का माहौल

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में गया से नई दिल्ली जा रही महाबोधि एक्सप्रेस की जनरल बोगी से गुरुवार की रात अजगर और कोबरा मिलने से हड़कंप मच गया। जीआरपी ने कब्जे में लेकर वन विभाग को सौंप दिया। बताया जा रहा कि तस्कर सांपों को बिहार से लेकर दिल्ली की ओर जा रहे थे। हालांकि मौके से कोई तस्कर गिरफ्तार नहीं हुआ है, उनकी तलाश की जा रही है।

आपको बता दें कि महाबोधि एक्सप्रेस गुरुवार की देर शाम पीडीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या छह पर पर पहुंची। इस दौरान जीआरपी के जवान बोगियों को रुटीन चेकिंग कर रहे थे। तभी जनरल कोच में लावारिस दो बैग बरामद हुए। छानबीन में सांप दिखने पर जनरल बोगी के यात्रियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जवान बैग लेकर थाने पहुंचे। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बैग से दो अजगर और दो कोबरा बरामद किया।

बताते चलें कि वन विभाग के रेंजर रामनरायण ने बताया कि सापों को चंद्रप्रभा रेंज में ले जाकर छोड़ दिया गया है। बरामद एक अजगर 12 और दूसरा 10 फीट का था जबकि दोनों कोबरा लगभग एक-एक मीटर लंबे थे। जीआरपी कोतवाल सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जांच कराई जा रही है कि सांपों को किस स्टेशन से चढ़ाया गया था। सीसीटीवी का सहारा लिया जा रहा है।

समय रहते टली बड़ी दुर्घटना

महाबोधि एक्सप्रेस से बरामद सांप अगर बैग से बाहर निकल जाते तो बोगी में अफरातफरी मच गई होती। ऐसे में बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी। संयोग रहा कि अजगर और कोबरा बैग से बाहर नहीं निकले। जीआरपी कोतवाल सुनील कुमार सिंह का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशन पर सभी गाडियों की रुटीन चेकिंग कराई जाती है। इसी क्रम में महाबोधि में जांच की जा रही थी। संयोग ठीक रहा कि समय रहते सांप से भरे बैग को जब्त कर लिये गए।

कोबरा के जहर से बनता है नशे का इंजेक्शन

वन विभाग के अफसरों अनुसार कोबरा सांप काफी महंगा बिकता है। तस्कर उन्हें पकड़कर ऊंचे दाम पर बेच देते हैं। इसके जहर का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है। दवाई भी बनती है। जीआरपी के अनुसार, तस्कर सांपों को बोरे या झोले में भरकर जनरल बोगी में रखकर दूसरी बोगी में बैठ जाते हैं।

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