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2 कौड़ी की सुविधा और स्पेशल ट्रेनों में 20% महंगा किराया, रेलमंत्री को करना चाहिए ऐसी ट्रेनों की निगरानी

पीडीडीयू रेल मंडल के मंडल वाणिज्य प्रबंधक एवं जन संपर्क अधिकारी विश्वनाथ ने बताया कि “अत्यधिक भीड़ को देखते हुए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाता है ताकि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत ना हो।
 

रेलवे यात्रियों से 20–25 प्रतिशत ज्यादा किराया वसूल रहा

स्पेशल ट्रेनों में न पैंट्रीकार न ही पक्की समय सारिणी

रेलवे की नई फेयर पॉलिसी से बढ़ सकते हैं किराए

त्योहार और छुट्टियों में यात्रियों की भीड़ का तर्क देकर वसूली

चंदौली जिले के पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन से गुजरने वाली स्पेशल ट्रेनों में सफर करना अब यात्रियों के लिए पहले से ज्यादा महंगा हो गया है। इन ट्रेनों के टिकट पर रेलवे 20 से 25 प्रतिशत तक अधिक किराया वसूल रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस बढ़े हुए किराए के बावजूद यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव झेलना पड़ रहा है। न तो इन ट्रेनों में भोजनालय की सुविधा है और न ही उनकी समय सारिणी में कोई सुधार देखने को मिल रहा है।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, त्योहारों और छुट्टियों में यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए इन स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाता है। लेकिन यात्री कहते हैं कि भीड़ प्रबंधन के नाम पर रेलवे ने किराए में इजाफा तो कर दिया, पर सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं की। कई स्पेशल ट्रेनें घंटों लेट चलती हैं और साफ-सफाई की स्थिति भी खराब रहती है।

इन ट्रेनों में एसी और नॉन-एसी दोनों श्रेणियों के टिकट पहले से महंगे हो गए हैं। जैसे 02393 राजेन्द्र नगर-नई दिल्ली स्पेशल, 04087 पटना-नई दिल्ली स्पेशल, 01010 दानापुर-लोकमान्य तिलक समर स्पेशल, 01665 अगरतला फेस्टिवल स्पेशल, 01054 बनारस-कोरला स्पेशल और 09184 वाराणसी-मुंबई सेंट्रल एसी स्पेशल जैसी दर्जनों गाड़ियां हैं जिनमें यात्रियों को महंगे टिकट खरीदने पड़ रहे हैं।

यात्रियों का आरोप है कि रेलवे की नई फेयर पॉलिसी भी उनके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। प्रस्तावित बदलाव के मुताबिक नॉन-एसी कोच में प्रति किलोमीटर एक पैसा और एसी कोच में दो पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि 500 किलोमीटर तक की यात्रा करने वालों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।

पीडीडीयू रेल मंडल के मंडल वाणिज्य प्रबंधक एवं जन संपर्क अधिकारी विश्वनाथ ने बताया कि “अत्यधिक भीड़ को देखते हुए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाता है ताकि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत ना हो। जंक्शन पर खानपान की सुविधा भरपूर है।”

हालांकि यात्री मानते हैं कि रेलवे को किराए के साथ सुविधाओं को भी बेहतर बनाना चाहिए। रेलमंत्री को खुद किसी स्पेशल ट्रेन में यात्रा करके यात्रियों का सही तरीके से फीडबैक लेना चाहिए। उनका कहना है कि सफर आरामदायक और समयबद्ध हो तभी बढ़ा किराया जायज ठहराया जा सकता है। रेलवे के सामने यह बड़ी चुनौती है कि वह बढ़ती मांग और किराए के बोझ के बीच संतुलन कैसे बनाए।

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