अधिकारियों की 'नूराकुश्ती' में फंसा राजघाट पुल, अधिकारियों के बेमेल फैसलों ने पुल को बनाया 'तमाशा', फिर से चालू हुआ ट्रैफिक
वाराणसी और चंदौली को जोड़ने वाले राजघाट पुल की मरम्मत का काम एक बार फिर अधिकारियों की लापरवाही और खराब प्लानिंग की भेंट चढ़ गया। रेलवे और पीडब्ल्यूडी की आपसी खींचतान के बीच जनता परेशान है। जानें अब क्या है नया शेड्यूल।
पीडब्ल्यूडी और रेलवे के बीच तालमेल का अभाव
बिना एनओसी शुरू किया गया मरम्मत कार्य
आम जनता को रूट डायवर्जन से भारी परेशानी
मार्च में पीपा पुल बनने के बाद होगा काम
वाराणसी-चंदौली मार्ग पर दोबारा आवागमन शुरू
वाराणसी और चंदौली को जोड़ने वाले ऐतिहासिक मालवीय (राजघाट) पुल की मरम्मत का मामला अब सरकारी विभागों की आपसी खींचतान का केंद्र बन गया है। बिना किसी ठोस प्लानिंग और विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी के कारण एक बार फिर मरम्मत कार्य को बीच में ही रोकना पड़ा है। शुक्रवार को उत्तर रेलवे की आपत्ति के बाद पीडब्ल्यूडी (PWD) ने काम बंद कर दिया, जिसके बाद शनिवार से पुल पर फिर से आवागमन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

बिना एनओसी (NOC) के शुरू हुआ काम, रेलवे ने लगाया ब्रेक
हैरानी की बात यह है कि वाराणसी के इस महत्वपूर्ण लाइफलाइन पुल की मरम्मत के लिए पहले पूजा-पाठ की गई और भारी-भरकम मशीनों के साथ काम शुरू कर दिया गया, लेकिन विभागों के बीच कागजी कार्रवाई पूरी नहीं थी। रेलवे अधिकारियों का तर्क है कि पुल के नीचे से रोजाना 90 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। बिना उचित सुरक्षा मानकों और 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' (NOC) के ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन ज्वाइंट का काम करना ट्रेनों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। इसी सुरक्षा चूक को देखते हुए रेलवे ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवा दिया।
तीन दिन में सिर्फ तीन ज्वाइंट की मरम्मत
पुल को बंद करने और खोलने का खेल पिछले कई दिनों से चल रहा है। पहले 20 दिसंबर को रूट डायवर्जन किया गया, जिसे विरोध के बाद कुछ ही घंटों में खोल दिया गया। इसके बाद 23 दिसंबर की रात को फिर से पुल बंद किया गया। तीन दिनों तक चले काम में मात्र तीन ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन ज्वाइंट ही ठीक किए जा सके। अब अचानक काम रुकने से विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर बिना पूरी तैयारी के पुल बंद करने का फैसला क्यों लिया गया?
अब मार्च तक का इंतजार, बनेगा पीपा पुल
वाराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता केके सिंह के अनुसार, अब यह तय किया गया है कि मरम्मत का कार्य फिलहाल स्थगित रहेगा। आगामी 15 फरवरी से गंगा नदी पर पीपा पुल (Floating Bridge) का निर्माण शुरू किया जाएगा। जब मार्च में पीपा पुल पूरी तरह चालू हो जाएगा और ट्रैफिक वहां शिफ्ट हो जाएगा, तभी राजघाट पुल पर मरम्मत का काम दोबारा शुरू होगा।
जनता में भारी आक्रोश
बार-बार पुल बंद होने और फिर खुलने से आम जनता, विशेषकर दैनिक यात्रियों और व्यापारियों में भारी नाराजगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और अधिकारियों के बीच सामंजस्य न होने की सजा जनता को भुगतनी पड़ रही है। बिना सोचे-समझे जारी किए गए फरमानों ने यातायात व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
फिलहाल, शनिवार सुबह से राजघाट पुल पर दोपहिया और छोटे वाहनों का आवागमन फिर से बहाल हो गया है, लेकिन अधूरे काम ने आने वाले समय में पुल की मजबूती पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं।
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