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रोहित सिंह ने ऑपरेशन अमानत के जरिए पाया अपना खोया बैग, दे रहे हैं धन्यवाद

स्वीकृति और सत्यापन अगले दिन शिकायतकर्ता के भाई शिवा सिंह डीडीयू पोस्ट पर पहुंचे और आवश्यक पहचान दस्तावेजों के साथ बैग को पहचान कर लिखित आवेदन दिया।
 

ऑपरेशन अमानत एक बार फिर सफल

आरपीएफ डीडीयू की सतर्कता से रोहित ने पाया बैग

खोया बैग यात्री को सुरक्षित लौटाया गया

चंदौली जिले के डीडीयू जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक बार फिर अपनी तत्परता और जिम्मेदारी का परिचय देते हुए "ऑपरेशन अमानत" के तहत एक यात्री का खोया हुआ बैग सही-सलामत वापस लौटाया। यह सराहनीय कार्य न केवल रेलवे में यात्रा करने वाले लोगों का विश्वास बढ़ाता है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

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घटना के अनुसार, यात्री रोहित सिंह, जो मुंबई से मिर्जापुर तक 11015 डाउन लोकमान्य तिलक टर्मिनस – गोरखपुर एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे, गलती से मिर्जापुर स्टेशन पर उतरते समय अपना ग्रे रंग का पिट्ठू बैग कोच संख्या GH-10 की बर्थ संख्या 91 पर छोड़ गए थे।

 तत्काल कार्रवाई सुरक्षा नियंत्रण कक्ष को रेल मदद ऐप के ज़रिए जानकारी प्राप्त होते ही महिला आरक्षी सुमन कुमारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित कोच को अटेंड किया। यात्रियों से पूछताछ की गई लेकिन किसी ने बैग पर दावा नहीं किया। आरक्षी द्वारा बैग बरामद कर उसे आरपीएफ पोस्ट डीडीयू में टीए ऑन ड्यूटी की निगरानी में सुरक्षित रखा गया।

 स्वीकृति और सत्यापन अगले दिन शिकायतकर्ता के भाई शिवा सिंह डीडीयू पोस्ट पर पहुंचे और आवश्यक पहचान दस्तावेजों के साथ बैग को पहचान कर लिखित आवेदन दिया। सत्यापन एवं पूछताछ के बाद बैग उन्हें सौंप दिया गया। बैग की अनुमानित कीमत ₹5000 थी।

 जनसेवा का उदाहरण इस कार्यवाही ने आरपीएफ की संवेदनशीलता और यात्रियों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को फिर से प्रमाणित किया है। "ऑपरेशन अमानत" की यह पहल न केवल संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि यह यात्रियों के मन में रेलवे की सकारात्मक छवि को भी मज़बूत करती है।

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