1 घंटे का सफर में हत्या का पूरा खेल, हेडफोन व जूता भी खोल सकता है राज
भदौरा स्टेशन से तीन किमी दूर पर जावेद की मिली थी लाश
चार किमी दूर मिला प्रमोद का शव
मोकामा ट्रेनिंग पोस्ट के लिए जा रहे थे दोनों जवान
चंदौली जिले के पीडीडीयू जंक्शन से ट्रेन में चढ़े आरपीएफ के दोनों जवानों ने करीब एक घंटे तक ही यात्रा की थी। सोमवार की रात 1.57 बजे बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन भदौरा स्टेशन से गुजरी थी। भदौरा स्टेशन से मात्र तीन किमी दूर देवकली गांव के बार्डर पर मोहम्मद जावेद और चार किमी पर बकैनिया गांव के शुरू होते ही प्रमोद का शव मिला था। दोनों जवानों की हत्या हुई है या हादसे में मौत हुई है, इसका रहस्य बरकरार है। जनपद पुलिस इस मामले को सुलझाने में जुटी है।
आपको बता दें कि पीडीडीयू जंक्शन से रात करीब 12.50 बजे आरपीएफ जवान प्रमोद कुमार और जावेद खान बाड़मेर गुवाहाटी एक्सप्रेस से मोकामा जाने के लिए एसी बी टू बोगी में सवार हुए थे। रेलवे के एप वेयर इज माई ट्रेन के मुताबिक बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन रात करीब 1.04 बजे पीडीडीयू जंक्शन से रवाना हुई थी और 1.57 बजे भदौरा रेलवे स्टेशन से गुजरी थी। मुश्किल से एक घंटे के सफर में यह घटना हुई। भदौरा रेलवे स्टेशन से रेलवे ट्रैक से देवकली गांव के बार्डर की दूरी तीन किमी है। वहीं ट्रैक के किनारे अर्धनग्न अवस्था में मोहम्मद जावेद खां और भदौरा रेलवे स्टेशन से चार किमी दूर बकैनिया गांव के शुरू में ही ट्रैक किनारे झाड़ियों में प्रमोद कुमार का निर्वस्त्र शव मिला था।
मोकामा ट्रेनिंग पोस्ट के लिए जाना था दिल्ली
पीडीडीयू के आरपीएफ कमांडेंट जतिन विराज ने बताया कि दोनों जवानों को मोकामा आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर पर सुबह आठ बजे रिपोटिंग करनी थी, लेकिन दोनों जवान नहीं पहुंचे थे। दोपहर के बाद करीब तीन बजे कंट्रोल से सूचना मिली कि दोनों जवान नहीं पहुंचे हैं तो परिजनों से संपर्क किया गया। वहां भी पता चला कि दोनों जवानों के मोबाइल बंद है।
इसके बाद शाम चार बजे के बाद पता चला कि गहमर कोतवाली क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के किनारे दो शव मिले हैं। दोनों जवानों की उसके बाद शिनाख्त करायी गयी।
एसी बी-टू डिब्बे में टीटीई के सीट पर मिला सामान
पीडीडीयू के आरपीएफ कमांडेंट जतिन विराज ने यह भी बताया कि बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन के एसी बी-टू डिब्बे की सात नंबर सीट से दोनों आरपीएफ जवानों के बैग सिलीगुड़ी स्टेशन से बरामद हुए। धीना स्टेशन के पास हेडफोन तो मिला है, लेकिन इससे कन्फर्म नहीं हो रहा है कि यह किसका है, लेकिन काला रंग का जो जूता मिला है, उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि यह किसी जवान का है। फिलहाल यह जांच का विषय है।
रेलवे के अधिकारी इस मामले में तरह-तरह का कयास लगा रहे हैं। हालांकि पुलिस की छानबीन में घटना का पर्दाफाश हो पाएगा।
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