अब इलेक्ट्रिक इंजनों में में मिलेगी वॉटरलेस यूरिनल की सुविधा, लोको पायलटों को मिली बड़ी राहत

पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के द्वारा नयी पहल
इलेक्ट्रिक लोको में वॉटरलेस यूरिनल की सुविधा शुरू
महिला लोको पायलटों को मिली बड़ी राहत
चंदौली पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल (डीडीयू डिवीजन) के विद्युत लोको शेड द्वारा लोको पायलटों की सुविधा के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और मानवकेंद्रित कदम उठाया गया है। रेलवे बोर्ड और आरडीएसओ के निर्देशों के अनुरूप अब इलेक्ट्रिक इंजनों में वॉटरलेस यूरिनल लगाए जा रहे हैं, जिससे ड्यूटी के दौरान लोको पायलटों (महिला व पुरुष दोनों) को इंजन से उतरकर बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह पहल संचालन में निरंतरता, सुरक्षा और समयबद्धता सुनिश्चित करेगी।

इस सुविधा का कार्य अप्रैल 2025 से तीव्र गति से प्रगति पर है। अब तक लगभग 18 इंजनों में यह व्यवस्था सफलतापूर्वक लगाई जा चुकी है। आने वाले समय में डीडीयू बेस के सभी WAG-9 (थ्री फेस लोको) में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
यह वॉटरलेस यूरिनल PIR सेंसर आधारित है, जो केवल मानव गतिविधि पर सक्रिय होता है। इसमें सैनिटाइज़र, परफ्यूम स्प्रे, UV एलईडी लाइट, एग्जॉस्ट फैन और स्पीड कंट्रोल ऑटोमैटिक डोर जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह यूनिट केवल तब खुलेगी जब इंजन पूर्ण रूप से रुका होगा। गति में रहते हुए दरवाजा स्वतः लॉक रहेगा।

पूर्व मध्य रेल की यह पहल महिला रेलकर्मियों के लिए भी एक स्वागतयोग्य कदम है, जो कार्यस्थल पर समान सुविधा और सम्मान सुनिश्चित करता है। डीडीयू मंडल के रेल कर्मचारियों की सुविधा के लिए एक नई पहल का स्वागत किया है। साथ ही ऐसी ही और सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में अग्रसर रहने की उम्मीद जतायी गयी है।
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