कभी महाबलपुर की बस्ती का दौरा कर लीजिए BDO साहब, जलमग्न रास्ते से संक्रामक रोग फैलने का बढ़ रहा खतरा
महाबलपुर बस्ती में जलभराव से बढ़ी परेशानी
बारिश के बाद गलियों और घरों में पानी जमा
गंदे पानी से संक्रामक रोग फैलने का खतरा
कैसे मिलेगी लोगों को इस समस्या से मुक्ति
चंदौली जिले के नियामताबाद विकासखंड के महाबलपुर गांव की दलित बस्ती लंबे समय से जलभराव की गंभीर समस्या से जूझ रही है। जिले में हाल ही हुई बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। गलियों और घरों के कमरों तक पानी भर जाने के कारण दुर्गंध फैल रही है और संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गंदे पानी में रहने से उनकी दैनिक जिंदगी मुश्किल हो गई है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि पिछले दो-तीन महीनों से सड़क और गलियों में जलभराव बना हुआ है। घरों में भी पानी भर जाने से परिवार परेशान हैं। यह पानी लगातार सड़ांध मार रहा है और बदबू फैलाने लगा है। लोग पीने और घरेलू उपयोग के लिए सुरक्षित पानी की कमी से जूझ रहे हैं। जल निगम की पाइप लाइन बार-बार फटने के कारण पानी घरों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। मरम्मत में महीनों लगने से स्थिति और बिगड़ गई है।
महाबलपुर बस्ती में रहने वाले डॉ. हरिहर सिंह ने बताया कि कई बार पानी के कारण संक्रामक रोग फैलने की आशंका है। “लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए बहुत गंभीर खतरा पैदा कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम को यहां आकर जांच करनी चाहिए, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई।
स्थानीय निवासी राजेश गुप्ता और जय कुमार गुप्ता ने बताया कि घरों के अंदर भी पानी भर गया है। दलित बस्ती की हालत इतनी खराब हो गई है कि यहां रहना मुश्किल हो गया है। “गंदे पानी और दुर्गंध के बीच रहना नरक के समान है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को संज्ञान लेकर समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए।
ग्राम प्रधान अर्चना ने बताया कि बस्ती निचले इलाके में स्थित है। बगल में तालाब का पानी जमा हो जाता है। तालाब से निकासी के बावजूद वही पानी वापस आ जाता है। नाला जो कोयला मंडी होकर गंगा नदी में जाता है, उसकी सफाई का बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसमें लाखों रुपये खर्च होते हैं। “ग्राम सभा की निधि से इसे कराना कठिन है। अगर नाला समय पर साफ हो जाए तो महाबलपुर और आसपास के गांवों की जल समस्या दूर हो सकती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन पिछले तीन महीनों में स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। लोग यह भी बताते हैं कि जनप्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण बस्तीवासियों का जीवन असहनीय हो गया है। उमरावती देवी ने कहा कि अगर जल्द ही समाधान नहीं किया गया तो संक्रामक रोग फैलने का खतरा और बढ़ जाएगा। यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवानदास अग्रहरि ने कहा कि विभागीय उदासीनता और लापरवाही के कारण करोड़ों रुपये की योजनाएं अब शोपीस बनकर रह गई हैं। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि जल निकासी का ठोस और स्थायी उपाय किया जाए ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध हो सके।
डीपीआरओ चंदौली नीरज सिन्हा ने कहा कि महाबलपुर बस्ती की जटिल समस्या का निदान जल्द किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को मौके पर भेजकर ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान से समन्वय स्थापित कराया जाएगा। इसके तहत जल निकासी की ठोस व्यवस्था की जाएगी ताकि जलभराव और गंदे पानी से होने वाले स्वास्थ्य संकट से ग्रामीण बच सकें।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि बस्ती के चारों तरफ पानी जमा होने के कारण वहां रहने वाले लोगों का जीवन कठिन हो गया है। घरों से बाहर निकलना मुश्किल है और बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने अपील की कि जल्द से जल्द स्थायी समाधान किया जाए।
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