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पिछले छह माह से पूरी तरह बंद है वेस्ट कंपोस्ट प्लांट

रेलवे की ओर से स्टेशन और कॉलोनियों से निकले कूड़े से गैस बनाने का सपना अधूरा रह गया है। 31 लाख की लागत से अगस्त 2021 में पीडीडीयू नगर के लोको कॉलोनी में बना वेस्ट कंपोस्ट प्लांट डेढ़ वर्ष चलने के बाद बंद हो गया। 
 

कूड़े से गैस बनाने का सपना अधूरा

लोको कॉलोनी में बना वेस्ट कंपोस्ट प्लांट डेढ़ वर्ष चलने के बाद बंद

चंदौली जिले में रेलवे की ओर से स्टेशन और कॉलोनियों से निकले कूड़े से गैस बनाने का सपना अधूरा रह गया है। 31 लाख की लागत से अगस्त 2021 में पीडीडीयू नगर के लोको कॉलोनी में बना वेस्ट कंपोस्ट प्लांट डेढ़ वर्ष चलने के बाद बंद हो गया। 

बताते चले कि पिछले छह माह से यह पूरी तरह से बंद है। इसके न चलने से स्टेशन परिसर और 17 रेलवे कॉलोनियों का कूड़ा इधर-उधर फैला रहता है। हावड़ा दिल्ली रूट पर पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन अत्यधिक व्यस्त है। यहां प्रतिदिन 110 जोड़ी ट्रेनों का आवागमन होता है। वहीं प्रतिदिन बीस हजार से अधिक यात्री ट्रेनों पर सवार होते हैं और उतरते हैं। वहीं प्रतिदिन ट्रेनों से तीन लाख से अधिक यात्री स्टेशन से गुजरते हैं। इस वजह से यहां बड़े पैमाने पर कूड़ा निकलता है। इसमें चिप्स, बिस्कुट, नमकीन के रैपर, पॉलिथीन के साथ ही खाने पीने का सामान, फलों के छिलके आदि अधिक होते हैं।

पं.दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से प्रतिदिन ढाई क्वींटल कूड़ा निकलता है। इसमें डेढ़ क्वींटल कूड़ा गीला और एक क्वींटल सूखा कूड़ा होता है। वहीं रेलकर्मियों को रहने के लिए 17 कॉलोनियां बनाई गई है। यहां पांच हजार से अधिक रेलवे क्वार्टरों में बीस हजार से अधिक लोग रहते हैं। यहां से भी प्रतिदिन तीन क्वींटल कूड़ा निकलता है। दोनों मिलाकर साढ़े चार क्वींटल कूड़ा प्रतिदिन निकलता है। इसमें सबसे अधिक गीला कूड़ा होता है। रेलवे स्टेशन और कॉलोनियों को मिलाकर प्रति माह बीस से 25 टन कूड़ा निकलता है। कूड़ा निस्तारण के लिए वर्ष 2019 में पांच मीट्रिक टन की क्षमता वाले वेस्ट कंपोस्ट प्लांट बनाने की योजना तैयार की गई थी।

 लोको कॉलोनी में 31 लाख की लागत से वर्ष 2021 में निर्माणनिर्माण किया गया और चालू किया गया। हालांकि इसमें स्टेशन के गीला कूड़े का निस्तारण शुरू हुआ लेकिन इसी बीच इसको चलाने वाली कंपनी का टेंडर समाप्त हो गया।

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