37 लाख की हेराफेरी के मामले में फंसे दो ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी साहब, ये है इनका कारनामा
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चंदौली जिले में ग्राम प्रधानों व पंचायत अधिकारी सरकार की गाइड लाइन से ज्यादा अपने कमीशन के फार्मूले पर काम करना पसंद करते हैं। गांवों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन संचालित कर रही है। लेकिन शौचालय निर्माण के लिए शासन से भेजी जाने वाली धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। ताजा मामला नौगढ़ ब्लाक की दो ग्राम पंचायतों में देखने को मिला है।
बताया जा रहा है कि नौगढ़ की सेमरसाधोपुर व देवरीकला गांव में ग्राम प्रधान व सचिव ने शौचालय की 37 लाख से अधिक धनराशि लाभार्थियों की बजाए सीधे निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में भेज दी। मामला संज्ञान में आने पर खुद के बचाव के कंस्ट्रक्शन कंपनी पर निर्माण मैटेरियल उपलब्ध न कराने का आरोप लगाते हुए एडीओ पंचायत को प्रार्थना पत्र दिया।
इस पर जिला पंचायत राज अधिकारी ब्रह्मचारी दुबे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि अब इनके खिलाफ कार्रवाई होगी और इनको जेल भी भेजा जा सकता है।
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