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जल को संचय कर मानव जीवन को होने वाले खतरे से बचाया जा सकता-- परशुराम सिंह

कटवां माफी गांव निवासी वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने विश्व जल दिवस के अवसर पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जल है तो जीवन है, जल के बिना जीवन संभव नहीं है। जल को अधिक से अधिक संचय कर भविष्य में होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है।
 
जल को अधिक से अधिक संचय कर भविष्य में होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है।

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत कटवां माफी गांव निवासी वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने विश्व जल दिवस के अवसर पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जल है तो जीवन है, जल के बिना जीवन संभव नहीं है। जल को अधिक से अधिक संचय कर भविष्य में होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है।

  आपको बता दें कि उन्होंने कहा कि मानव जीवन को बचाने के लिए जल की उपलब्धता धरती पर प्रचुर मात्रा में होना आवश्यक है। इसके लिए जल संचय के साथ ही जल की उपलब्धता के विकल्प को तलाशना होगा। धरती पर जल पर्याप्त मात्रा में तभी उपलब्ध होगा जब पर्याप्त मात्रा में वृक्ष होंगे। पेड़ पौधे पर्यावरण के प्रदूषण दूर करने के साथ ही मनुष्य को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

 

वृक्ष ही वर्षा भी कराते हैं। बारिश होने से धरती पर जल एकत्रित होगा इसलिए जीवन को बचाना है तो वृक्ष लगाना बहुत ही जरूरी है।श्री सिंह ने कहा कि वृक्ष मनुष्य के सभी जरूरतों को पूरा करते हैं।

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