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सैलानी बढ़ाने हैं तो सुविधाएं बढ़ाइ डीएफओ साहब, कम से कम निशुल्क पीने का साफ पानी तो दीजिए

वन विभाग ने पांच आर्किटेक की मदद से दो करोड़ का प्रस्ताव तैयार कराया है, जिसमें पुराने आवासों के मरम्मत, जलप्रपात के पास स्थित कैंटीन का आधुनिकीकरण, एडवेंचर गेम और पानी की सप्लाई की व्यवस्था है।
 
राजदरी व देवदरी में गिरती सैलानी की संख्या, पर्यटन हब बनाने का सपना हो न जाए फेल, सुविधाओं को बढ़ाएं फीस नहीं, एक बार फिर से सोचें चीफ साहब

चंदौली जिले चकिया व नौगढ़ के बीच स्थित देवदरी व राजदरी जलप्रपात में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए तमाम तरह के दावे किये जा रहे थे, लेकिन सरकारी अफसरों के द्वारा लिए गए कुछ फैसलों से पर्यटक बढ़ने के बजाय घटने लगे हैं। वहां पर कई जगहों पर सैलानियों के लिए निशुल्क शुद्ध पेयजल व सस्ते दर पर खाने पीने के सामानों की व्यवस्था करनी होगी, तभी लोग वहां जाकर समय बिताने की कोशिश करेंगे। केवल फीस बढ़ा देने से राजस्व व सैलानी बढ़ने वाले नहीं हैं।
कुछ दिन पहले तक सरकार कहती थी कि चन्द्रप्रभा नदी के आसपास देवदरी-राजदरी व अन्य जगहों को जोड़कर जिले के प्राकृतिक जलप्रपात को पर्यटन का हब बनाया जाएगा। इसके जरिए सैलानियों को आकर्षित करने की कोशिश की जाएगी। इसलिए प्राकृतिक वादियों में बसे चंदौली जनपद का चर्चित जलप्रपातों  के आसपास सुविधाएं विकसित कर व आकर्षक बनाने के लिए विशेष प्रस्ताव बनाकर वन विभाग ने भेजा था।
वन विभाग ने पांच आर्किटेक की मदद से दो करोड़ का प्रस्ताव तैयार कराया है, जिसमें पुराने आवासों के मरम्मत, जलप्रपात के पास स्थित कैंटीन का आधुनिकीकरण, एडवेंचर गेम और पानी की सप्लाई की व्यवस्था है। वहीं दूसरा प्रस्ताव 4.5 करोड़ का है, जिसमें स्काई ग्लास पुल, जीप लाइनिंग, ईको हाट, ईको प्लाटा, सड़क चौड़ीकरण, इलेक्ट्रिक झूले, ईको शॉप, फव्वारे और योगा स्थल का प्रस्ताव शामिल है। लेकिन बहुत पहले वन विभाग के एक चीफ़ साहब का राजदरी आगमन हुआ और यहां की फीस बढ़ाकर चले गए। सैलानियों को नयी सुविधाएं तो नहीं मिलीं लगातार प्रवेश शुल्क व वाहन शुल्क में बढ़ोतरी होती रही।

Devdari Rajdari Entry
कुल मिलाकर यह स्थिति हो गयी हैं कि आज किसान- मजदूर, गरीब स्थानीय निवासियों को अपने गांव, तहसील,  ब्लाक के नजदीक प्राकृतिक जलप्रपात अपने परिवार के साथ देखना एक सपना बन गया है। लगातार बढ़ते शुल्क का परिणाम है कि चंद्रप्रभा वन्य अभयारण्य में प्रवेश शुल्क प्रतिव्यक्ति 50 रुपये लिया जाता है।
मार्च 2022 से मार्च 2023 तक चंदौली के चकिया स्थित राजदरी-देवदरी जलप्रपात और चंद्रप्रभा वन अभयारण्य देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख 703 रही, जिनसे कुल 65 लाख 35 हजार 150 रुपये के करीब वसूली हुई। इसके आधार पर वर्ष 2022 के नवंबर तक कुल 98 हजार 27 पर्यटक आए और उनसे 49 लाख एक सौ 350 रुपये वसूली हुई। लेकिन वर्ष 2023 में नवंबर तक जिले में कुल 60 हजार ही पर्यटक आ पाए जिनमे 30 लाख रुपये की वसूली हुई। ऐसे में पिछले साल के सापेक्ष इस साल नवंबर तक 38 हजार 27 पर्यटक कम आए और शुल्क में 19 लाख एक हजार 350 रुपये के करीब कम हुए और अब राजदरी देवदारी पर्यटन केंद्र पर नये साल पर पिछले वर्ष की तुलना में कम सैलानी पहुंचे। वर्ष 2023 की शुरूआत में एक जनवरी को राजदरी देवदारी पर्यटन केंद्र पर 2 लाख 25 हजार 750 रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई थी। वहीं इस वर्ष 2024 पहले दिन मात्र 69 हजार 150 रुपए ही राजस्व प्राप्ति हुई है। इसका कारण यह है प्रति व्यक्ति ₹50 और छोटे चार पहिया वाहनों के लिए 100 रुपया देना अखरने लगा है।
इसलिए आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने  प्राकृतिक जलप्रपात राजदरी-देवदरी  पर सरकार व वन विभाग से मांग किया हैं कि प्रवेश शुल्क व वाहन शुल्क को कम किया जाए, जिससे  बाहरी सैलानियों की संख्या बढ़ सके। स्थानीय निवासी भी कम दर पर इस प्राकृतिक जलप्रपात देखने का आनंद ले सकें। अगर शुल्क बढ़ाना है तो पहले सुविधाएं बढ़ाया जाना चाहिए।

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