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जन राजनीति करेगी नौगढ़ का विकास, अजय राय शुरू कराएंगे नयी पहल

उत्तर प्रदेश की सरकार चलाने वाले राजनेता बड़े पूजी घरानों के पक्ष में खड़े सभी राजनीतिक दलों ने नौगढ़ की उपेक्षा की है। यहां शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार, बेहतर खेती और विकास के सभी जीवन के लिए जरूरी प्रश्नों को हल नहीं किया गया।
 

वन अधिकार के मामले को उठाने की तैयारी

जंगल की जमीन का पट्टा दे सरकार

मजदूर किसान मंच ने दोहराई मांग 

 

उत्तर प्रदेश की सरकार चलाने वाले राजनेता बड़े पूजी घरानों के पक्ष में खड़े सभी राजनीतिक दलों ने नौगढ़ की उपेक्षा की है। यहां शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार, बेहतर खेती और विकास के सभी जीवन के लिए जरूरी प्रश्नों को हल नहीं किया गया। इस इलाके में जो काम जन आंदोलन के जरिए उठाए गए, उसमें सत्ता से कोई सहयोग नहीं मिला। इसलिए नौगढ़ के विकास का काम जन राजनीति करेगी और इसी दिशा में आईपीएफ प्रयास कर रहा है।आईपीएफ के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय  ने कहा कि अब इसके लिए फिर से आंदोलन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा वन अधिकार कानून में जमीन पर पट्टा पाने का सवाल लोगों की आजीविका से जुड़ा हुआ है। बढ़ती महंगाई और बेइंतहा बेरोजगारी ने लोगों के सामने जीविका का बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है। ऐसे में यदि लोगों को उनकी पुश्तैनी जमीन से भी बेदखल किया गया तो उनके सामने भुखमरी की हालत हो जाएगी। इसलिए सरकार को आदिवासियों और वनाश्रितों पर दमन और बेदखली की जगह जमीन पर अधिकार देना चाहिए। इतना ही नहीं नौगढ़ में खाली पड़ी है। 

अजय राय ने कहा कि जंगल की जमीनों पर फलदार वृक्ष लगाने के लिए ग्रामीणों की सहकारी समितियों को अधिकार देना चाहिए। साथ ही नौगढ़ में टमाटर और मिर्ची पर आधारित उद्योग लगना चाहिए, ताकि लोगों को नौगढ़ में ही रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि नौगढ़ की उपेक्षा का आलम यह है कि यहां ना तो सरकारी स्तर पर उच्चा शिक्षा के लिए अच्छे कॉलेज हैं और न ही सरकारी अस्पताल में इलाज का समुचित इंतजाम नहीं है और वह रेफरल सेंटर बना हुआ है। 

गांव के लोग यहां अभी भी लोग बरसाती नालों और चुआड़ पानी पीने के लिए मजबूर रहते हैं। यहां बड़े पैमाने पर रोजगार के अभाव में लोग पलायन कर रहे हैं। उन्हें मनरेगा में काम भी नहीं मिल रहा है। इन हालातों पर सरकारी संस्थानों की तो चुप्पी है ही विपक्षी दल भी बोल नहीं रहे हैं। इसलिए नौगढ़ में लोकतांत्रिक जन राजनीति को खड़ा करना होगा।

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