नौगढ़ में आशीर्वाद हॉस्पिटल में गर्भवती महिला की मौत, मुकदमा दर्ज करने में पुलिस कर रही है आनाकानी
ACMO की तहरीर के बाद भी नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
48 घंटे बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं कर पायी
नौगढ़ पुलिस पर उठे गंभीर सवाल
आशीर्वाद हॉस्पिटल को कौन बचा रहा है..?
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में यूनियन बैंक की गली में आशीर्वाद हॉस्पिटल के नाम से चल रहे अवैध अस्पताल में रविवार को प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल का संचालक खुद को डॉक्टर बताकर इलाज करता है, जबकि वह नकली डॉक्टर है और किसी तरह का चिकित्सीय लाइसेंस भी नहीं है। यह अस्पताल लंबे समय से बिना रजिस्ट्रेशन और बिना चिकित्सक के संचालित हो रहा है।
आरोप है कि यहां पहले भी कई मरीज और बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन हर बार लेन-देन और विभागीय मिलीभगत के जरिए मामले को दबा दिया गया। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और पुलिस की चुप्पी ने एक बार फिर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ किया।

48 घंटे बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं, पुलिस पर उठे गंभीर सवाल
मृतका रेशमा (पत्नी शाहिद अली) की मौत के बाद परिजनों ने नौगढ़ थाने में तहरीर दी, लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। परिजन लगातार थाने के चक्कर काटते रहे, मगर पुलिस ने सिर्फ “जांच चल रही है” कहकर उन्हें टरका दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि संचालक ने पुलिस को मैनेज करने की कोशिश की ताकि एफआईआर दर्ज न हो और मामले को पहले की तरह रफा-दफा कर दिया जाए। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और विभागीय अधिकारी संचालक के संपर्क में हैं और हर बार कुछ दिनों के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
चिकित्सा अधीक्षक की तहरीर मुकदमा लिखने से कतरा रही है पुलिस
गर्भवती महिला की मौत की सूचना मिलते ही सीएमओ युगल किशोर राय के निर्देश पर सीएचसी नौगढ़ के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवधेश पटेल ने थाने जाकर लिखित तहरीर दी। उन्होंने अस्पताल के अवैध संचालन की पुष्टि करते हुए तत्काल उसे सील करने और संचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की।

डॉ. पटेल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा कि अस्पताल में किसी प्रकार की पंजीयन, अनुमति या योग्य चिकित्सक की उपस्थिति नहीं थी। फिर भी, नौगढ़ पुलिस ने अब तक संचालक के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं मामले को जानबूझकर रोका जा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर अधिकारी और पुलिस इतनी देर तक मौन रहेंगे, तो क्षेत्र में अवैध क्लीनिकों का जाल कभी खत्म नहीं होगा।
डीएम चंद्र मोहन गर्ग ने लगाई फटकार, अस्पताल हुआ सील
नौगढ़ में नकली डॉक्टर के गलत इलाज से गर्भवती महिला की मौत की जानकारी जैसे ही जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग को मिली, उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को कड़ी फटकार लगाई और अवैध अस्पताल को तुरंत सील करने का आदेश दिया। डीएम की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँची और आशीर्वाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, डीएम ने सीएमओ से कहा कि “इस तरह के फर्जी अस्पताल जनता के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई देर से हुई, लेकिन अगर प्रशासन इसी तरह सजग रहता तो रेशमा जैसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। डीएम की फटकार के बाद अब अन्य अवैध अस्पतालों पर भी कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है।
साठगांठ से चलता रहा फर्जी अस्पताल, विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल
अस्पताल बिना पंजीकरण और बिना डॉक्टर के लंबे समय से चालू था। कई बार शिकायतें होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने आंखें मूंद रखीं, लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों की शह पर यह फर्जी अस्पताल फल-फूल रहा था, और अवैध रूप से ऑपरेशन तक किए जा रहे थे। लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर बिना रजिस्ट्रेशन, बिना चिकित्सीय स्टाफ और बिना अनुमति के यह हॉस्पिटल कैसे चल रहा था? ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि नकली डॉक्टर और संचालक के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं की गई , तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे।
न्याय की मांग पर अड़े परिजन, सीएम पोर्टल पर देंगे शिकायत
मृतका के परिजनों ने कहा कि वे अब इस मामले को सीएम पोर्टल और जिलाधिकारी कार्यालय तक ले जाएंगे ताकि नकली डॉक्टर को सजा मिल सके। उनका कहना है कि अगर पुलिस और विभाग दोनों अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, तो जनता को सड़क पर उतरकर आवाज उठानी पड़ेगी। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में कई और अवैध क्लीनिक चल रहे हैं, जो लोगों की जान से खेल रहे हैं।
परिजनों ने डीएम से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि न्याय न मिलने तक वे संघर्ष जारी रखेंगे।
क्षेत्र में इस घटना के बाद भारी आक्रोश है और लोग प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। फिलहाल पुलिस या अस्पताल संचालक की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
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