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जहां हैंडपंप ठीक नहीं होगा, वहां टैंकर से जाएगा पानी, खंड विकास अधिकारी नौगढ़ का दावा

तहसील नौगढ़ में भीषण गर्मी से तमाम तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं। विकास खंड नौगढ़ के पंचायत में लगे कई गांवों सैकड़ों हैंडपंपों के कई सालों से खराब होने के कारण वनवासियों की समस्या और बढ़ने लगी है।
 

कई सालों से खराब है हैंडपंपों की तत्काल मरम्मत संभव नहीं

ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी को पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी

विरोध प्रदर्शन करने वालों से किया अनुरोध- ब्लॉक के कार्यालय में भी दें जानकारी 

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में भीषण गर्मी से तमाम तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं। विकास खंड नौगढ़ के पंचायत में लगे कई गांवों सैकड़ों हैंडपंपों के कई सालों से खराब होने के कारण वनवासियों की समस्या और बढ़ने लगी है। इसके वावजूद विकास खंड के कई ऐसे गांव हैं जहां  हैंडपंप सालों से खराब पड़े हुए हैं, लेकिन कहीं बजट के अभाव में तो कहीं गहराई तक पानी न होने के कारण समस्या का हल होता दिखायी नहीं दे रहा है, लेकिन खंड विकास अधिकारी हर शिकायत का उचित समाधान करने और दो दर्जन से अधिक टैंकरों से पानी सप्लाई कराने का दावा कर रहे हैं। 

नौगढ़ के खंड विकास अधिकारी अमित कुमार का दावा है कि शिकायत मिलते ही हैंडपंपों में सुधार कराया जा रहा है। साथ ही साथ जहां मरम्मत संभव नहीं है वहां पर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव टैंकर से पानी भिजवाने के लिए निर्देशित किए गए हैं। इसके बावजूद भी किसी गांव में पीने के पानी का संकट है तो वह सीधे कार्यालय में शिकायत दर्ज करवा सकता है। 24 घंटे के भीतर पर उस पर एक्शन होगा।

चंदौली समाचार के साथ बात के दौरान खंड विकास अधिकारी ने कहा कि नौगढ़ इलाके में पानी की समस्या परसों पुरानी है। फिर भी भीषण गर्मी में लोगों को निजात दिलाने के लिए टैंकर से पानी सप्लाई की जा रही है। नौगढ़ क्षेत्र के गांव में प्रतिदिन 20 से लेकर 26 टैंकर पानी की सप्लाई के लिए लगे हुए हैं, जहां तक वर्षों से खराब हैंडपंपों की बात है कई हैंडपंप फेल हो चुके हैं। वहां 50-100 फिट की बोरिंग से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है। कई जगहों पर 300 से लेकर 400 फीट तक की बोरिंग कराई गई, लेकिन फिर भी पानी नहीं मिल पाया। ऐसी जगह की समस्या को दूर करना थोड़ा मुश्किल लग रहा है, फिर भी लोगों की शिकायत और समस्या को ध्यान में रखकर टैंकर से पानी दिया जा रहा है।

 खंड विकास अधिकारी ने यह भी कहा कि 22 ढाई सौ मीटर दूरी से पानी लाना इस इलाके में आम बात है। कई जगहों पर छोटी बस्तियों के लोग दूसरी जगह से पानी लेने जाया करते हैं। मीडिया के साथियों के साथ-साथ ग्रामीणों से खंड विकास अधिकारी अमित कुमार ने अनुरोध किया है कि पेयजल की जहां कहीं भी समस्या हो और तरह तत्काल एडीओ पंचायत के यहां अपनी शिकायत दर्ज कर दें, उनकी समस्या का समाधान करने की हर संभव कोशिश की जाएगी।

वहीं बीडीओ साहब से ग्राम पंचायत जनकपुर के तिवारीपुर की बस्ती में केसरी के दरवाजे पर लगाया गया एक मात्र हैंडपंप पिछले दो सालों से खराब पड़ा है। शुक्रवार को हैंड पंप के पास डिब्बा, बाल्टी रखकर महिलाओं ने प्रधान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध -प्रदर्शन किया। लोगों ने हैंडपंप ठीक तक पीने के पानी की व्यवस्था करने की मांग की है। 

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 जनकपुर पंचायत के इस बस्ती में शुद्ध पेयजल के लिए कई साल पूर्व इंडिया मार्का हैंडपंप स्थापित किया गया था। पिछले दो सालों से हैंडपंप खराब पड़ा है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। बाबूलाल ने बताया कि पेयजल संकट होने पर लोग एक किमी दूर से पानी ढोते हैं। लोगों ने बताया कि हैंडपंप खराब होने की सूचना हम लोगों ने गांव के प्रधान प्रतिनिधि रवि पांडेय और अधिकारियों को पूर्व में कई बार दे चुके हैं, लेकिन अब तक इसे ठीक नहीं किया गया है।  


इस बारे में एडीओ पंचायत आशुतोष कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि  जिस स्थान पर हैंडपंप लगाया गया है उस जगह पर पानी का लेबल कम हो गया है। हैंडपंप को ठीक करने वाली मशीन जगह की कमी के कारण वहां नहीं जा पा रही है। जिससे हैंडपंप को ठीक करने में दिक्कतें आ रही है। फिर भी हैंडपंप को ठीक कराने का प्रयास किया जाएगा और टैंकर से पानी भेजा जाएगा।

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