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नौगढ़ में भागवत कथा का हो गया समापन, सुदामा चरित्र की कथा सुन भाव‌विभोर हुए श्रद्धालु

चंदौली जिले के नौगढ इलाके के कोईलरवा हनुमान मंदिर में चल रही 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का  बृहस्पतिवार को सुदामा चरित्र के साथ समापन हो गया। ​​​​​​​
 

आखिरी दिन हुयी मित्रता की चर्चा

सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र की परेशानी को समझे

मित्रता करो तो भगवान श्री कृष्ण सुदामा जैसी 

 

चंदौली जिले के नौगढ इलाके के कोईलरवा हनुमान मंदिर में चल रही 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का  बृहस्पतिवार को सुदामा चरित्र के साथ समापन हो गया। अयोध्या से आए कथावाचक मुनि जी महाराज ने भगवान द्वारिकाधीश के विवाहों का वर्णन कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। 

इस दौरान उन्होंने  रुक्मिणी हरण, भगवान द्वारिकाधीश के सत्यभामा, कालिंदी, जामवंती आदि से भी विवाहों की कथा विस्तार से सुनाते हुये कहा कि उन्होंने सोलह हजार एक सौ आठ विवाह किए थे। उन्होंने सुदामा चरित्र का मार्मिक चित्रण कर श्रोताओं को भावुक कर दिया। कहा कि मित्रता करो तो, भगवान श्री कृष्णा और सुदामा जैसी करो। ‌सच्चा मित्र वही है, जो मित्र की परेशानी को समझें और बिना बताए ही मदद करे।

उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते हैं और अंदर जाने की बात कहते हैं। प्रहरी उपहास उड़ाते हुए कहते हैं कि भगवान का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर  श्री कृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दलित व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान नंगे पांव दौड़े चले जाते हैं और अपने मित्र सुदामा को रोकर गले लगा लिया। कहने लगे कि तुम अपने मित्र से बिना मिले ही वापस जा रहे थे।

bhagwat katha ends

 कृष्ण को सुदामा के गले लगा देखकर प्रहरी और नगर वासी अचंभित हो गए। भगवान श्री कृष्ण सुदामा को अपने साथ रथ पर बैठ कर महल के अंदर लेकर पहुंचे और मित्र को सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठ गए।‌ यह दृश्य देखकर रानियां भी दंग रह गई, कि कौन है जिन्हें भगवान सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठे हैं। भगवान श्री कृष्ण आंसुओं से मित्र के पैर धोए और पैर से कांटे निकाले। 


इस मौके पर लौवारी कला गांव के  प्रधान यशवंत सिंह यादव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ भंडारे के साथ कथा का समापन हो गया। ‌श्रद्धालुओं ने भागवत जी की आरती उतारी और अंत में प्रसाद वितरित किया गया। 

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इस मौके पर महंत श्री श्री 108 स्वामी रामदास त्यागी महाराज, पूर्व विधायक शिवतपस्या पासवान, डॉ गीता शुक्ला, सुनीति रामायणी, शांति पांडे, शिवनारायण जायसवाल, नगीना केशरी समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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