नौगढ़ के भोरिक यादव बने दैनिक वेतन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष, पीसीसीएफ ने दी बधाई
नौगढ़ इलाके के रहने वाले हैं भोरिक यादव
कर्मचारियों के लिए हमेशा करते हैं संघर्ष, जानिए
चिकनी गांव से कर्मचारियों की आवाज से प्रदेश अध्यक्ष तक बनने की कहानी
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ निवासी भोरिक यादव को न्यूनतम दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। शुक्रवार को लखनऊ में प्रमुख वन संरक्षक परिसर स्थित पंचवटी सभागार में हुए चुनाव में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने उन्हें सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है। यह चुनाव अगले 3 वर्षों तक मान्य होंगे। बैठक में 25 जिलों के जिलाध्यक्ष, अधिकृत प्रतिनिधियों और न्यूनतम दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने भाग लिया।
नौगढ़ तहसील के छोटे से गांव चिकनी से निकलकर प्रदेश के हजारों कर्मचारियों की आवाज बन गए। एक साधारण कर्मचारी से न्यूनतम दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बनने तक का सफर उनके दृढ़ संकल्प, संघर्ष और नेतृत्व क्षमता की मिसाल है। गांव के खेतों में पसीना बहाने वाला यह युवक कभी नहीं जानता था कि एक दिन वह हजारों कर्मचारियों का नेतृत्व करेगा।
आपको बता दें कि भोरिक यादव ने शुरुआत से ही कठिन परिस्थितियों का सामना किया। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में उनकी नौकरी ने उन्हें न केवल आर्थिक चुनौतियों से जूझने की ताकत दी, बल्कि उन्होंने अन्य कर्मचारियों की समस्याओं को भी नजदीक से देखा। अपने सहकर्मियों के साथ बैठकों और चर्चाओं के दौरान, भोरिक ने महसूस किया कि इन कर्मचारियों के लिए एक मजबूत आवाज की जरूरत है।
काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर वाराणसी के मझगाई रेंज में कार्य करते हुए भोरिक यादव धीरे-धीरे न्यूनतम दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ से जुड़े। उनकी मेहनत, ईमानदारी और समस्याओं को हल करने की लगन ने उन्हें संघ के जिलाध्यक्ष पद तक पहुंचाया। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं और सफलता हासिल की।
लखनऊ में ऐतिहासिक दिन
शुक्रवार, को लखनऊ के प्रमुख वन संरक्षक परिसर के पंचवटी सभागार में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए पूरे प्रदेश से आए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी इकट्ठा हुए। संध के प्रदेश अध्यक्ष के लिए भोरिक यादव का नाम पहले से ही चर्चा में था। लेकिन जैसे ही सर्वसम्मति से उनके नाम की घोषणा हुई, सभागार तालियों और नारों से गूंज उठा। यह पल न केवल भूरी के लिए बल्कि उन हजारों कर्मचारियों के लिए खास था, जिन्होंने उन्हें अपना नेता चुना। यह एक ऐतिहासिक क्षण था। गांव के छोटे से युवा ने प्रदेश के 25 जिलों के कर्मचारियों का विश्वास जीतकर न्यूनतम दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ का प्रदेश अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल किया।
नई जिम्मेदारी और वादे
भोरिक यादव ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद चंदौली समाचार से कहा, "यह जिम्मेदारी केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि हर उस कर्मचारी की है, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है। मैं हर जिले को बराबर प्रतिनिधित्व दूंगा और कर्मचारियों के अधिकारों के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।" उन्होंने राज्य कार्यकारिणी के जल्द विस्तार की योजना की घोषणा की, ताकि संघ की ताकत को और मजबूत किया जा सके। भोरिक यादव की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि उनके पैतृक गांव भभौरा और पूरे चंदौली जिले के लिए गर्व का विषय है। एक साधारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से प्रदेश अध्यक्ष बनने का उनका सफर उन हजारों कर्मचारियों के लिए प्रेरणा है, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिसने अपनी मेहनत, ईमानदारी और संघर्ष के बल पर खुद को साबित किया और यह दिखाया कि चाहे सफर कितना भी कठिन क्यों न हो, सच्ची लगन और कर्म के दम पर कुछ भी संभव है।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*