चंदौली जिले के नौगढ में आखिरकार ब्लाक प्रमुख पद पर निर्विरोध चुनी गई दलित प्रेमा कोल शनिवार को आसीन हो गईं। रिटर्निंग ऑफिसर जिला समाज कल्याण अधिकारी ने उन्हें जीत का प्रमाणपत्र दिया। भाजपा प्रत्याशी प्रेमा के नामांकन के बाद किसी भी दल का कोई प्रत्याशी उनके सामने नहीं आया था। प्रेमा कोल अपने प्रतिनिधि सुजीत उर्फ सुड्डू के साथ ब्लॉक मुख्यालय पहुंची। प्रमाणपत्र लेकर प्रेमा क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ सीधे प्रमुख कक्ष में पहुंचकर सबसे पहले अपने कक्ष का जायजा लिया।
नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख प्रेमा कोल ने चंदौली समाचार को बताया कि विकास खंड कार्यालय गांव से सीधे जुड़ा होता है। यहां यदि लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं तो उसका निदान प्राथमिकता के साथ किया जाए। इस मौके पर खंड विकास अधिकारी सुदामा यादव, प्रधान संघ नौगढ़ के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव, मनीष सिंह के अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्य भी मौजूद थे।
इस बार भी दिखा सुड्डू सिंह का हनक
ब्लाक प्रमुख नौगढ़ का चुनाव बीते साल अविश्वास के दौरान प्रदेश पटल के साथ-साथ प्रमुख समाचार पत्रों तथा न्यूज़ चैनलों में चर्चाओं के साथ रहा। इस बार के चुनाव में ऐसे समीकरण बने कि सपा बसपा का कोई प्रत्याशी सामने नहीं आ सका। इसे सत्ता की नहीं बल्कि सुड्डू सिंह की हनक कहें तो गलत नहीं होगा।
आपको बता दें कि वर्ष 2010 में ब्लाक प्रमुख के चुनाव के दौरान सोनभद्र के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने अपने भाई को जीत दिलाई थी। क्षेत्र पंचायत सदस्य सुजीत उर्फ सुड्डू सिंह की पत्नी नीतू सिंह ने 26 सदस्यों के साथ जिलाधिकारी के सम्मुख उपस्थित होकर अविश्वास प्रस्ताव लाया और जवाहीर सिंह खरवार को कुर्सी छोड़नी पड़ी। छह माह तक त्रिस्तरीय समिति ने कार्यभार संभाला।
इस बार भी टर्निंग प्वाइंट रहे क्षेत्र पंचायत सदस्य सुजीत उर्फ सुड्डू सिंह, ये प्रेमा कोल के पक्ष में जुटे और सदस्यों को एक पाले में करने में कामयाब रहे।
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