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कैसे बढ़ेगा पर्यटन : राजदरी-देवदरी में प्रवेश के लिए अब जरूरी है टिकट, 3 साल बाद भी नहीं बना चेंजिंग रूम

पर्यटकों से अपील है कि नियमों का पालन करें, टिकट अवश्य लें, मादक पदार्थ व प्लास्टिक सामग्री परिसर में न लाएं, और जलप्रपात क्षेत्र की स्वच्छता व सुरक्षा बनाए रखें।

 

वन विभाग की सख्ती से लटकते हैं कई काम

पर्यटकों पर लागू हैं कई तरह के नियम और शुल्क

पिकनिक स्पॉट की जरूरी सुविधाएं अभी भी आधी-अधूरी

चंदौली में मानसून की दस्तक के साथ ही चंदौली के वनांचल क्षेत्र स्थित राजदरी-देवदरी जलप्रपात पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। हरी-भरी वादियों और कलकल बहते झरनों को देखने के लिए यहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इस जलप्रपात क्षेत्र में प्रवेश अब बिना टिकट के संभव नहीं है। वन विभाग द्वारा पूर्व निर्धारित शुल्क के अनुसार ही पर्यटकों को भीतर जाने की अनुमति दी जा रही है।

पर्यटकों के लिए लागू शुल्क के अनुसार भारतीय नागरिकों से 50 रुपये तथा विदेशी नागरिकों से 600 रुपये प्रति व्यक्ति लिया जा रहा है। वहीं वाहनों पर भी प्रवेश शुल्क लागू है। बाइक, साइकिल और स्कूटर पर 20 रुपये, कार व जीप पर 100 रुपये और बस, मिनी बस अथवा ट्रैक्टर से प्रवेश करने पर 200 रुपये चुकाने होंगे। इसके अतिरिक्त इको विकास समिति हिनौत घाट की ओर से अलग से पार्किंग शुल्क भी वसूला जाता है।

हालांकि कई बार पर्यटक बिना टिकट के प्रवेश का प्रयास करते हैं और इसको लेकर वनकर्मियों से बहस की स्थिति बन जाती है। वहीं कुछ पर्यटक परिसर में चोरी-छिपे मादक पदार्थ और गैस सिलिंडर आदि भी ले जाते हैं, जिसे प्रतिबंधित किया गया है। वर्ष 2021 में तत्कालीन जिलाधिकारी संजीव सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर जलप्रपात परिसर में साफ दिशा-निर्देश जारी किए थे। इनमें तय समय के बाद प्रवेश पर रोक, मादक पदार्थ पर पूर्ण प्रतिबंध और महिला-पुरुष पर्यटकों के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था किए जाने की बात कही गई थी।

परंतु तीन साल बीतने के बाद भी चेंजिंग रूम का निर्माण नहीं हो सका है। स्नान करने वाले पर्यटक खासकर महिलाएं असुविधा महसूस कर रही हैं। जलप्रपात क्षेत्र में नहाने पर भी प्रतिबंध है, लेकिन अक्सर लोग नियमों की अनदेखी करते हुए जलधारा में उतर जाते हैं। चंद्रप्रभा अभयारण्य के रेंजर अखिलेश कुमार दुबे ने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर विभाग सतर्क है और समय-समय पर गश्त की जा रही है। लेकिन चेंजिंग रूम निर्माण से संबंधित अद्यतन जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है।


बताते चलें कि राजदरी-देवदरी जैसे प्राकृतिक पर्यटन स्थल पर सुव्यवस्थित व्यवस्था जरूरी है। पर्यटकों की सुविधाओं के साथ ही पर्यावरण और सुरक्षा को प्राथमिकता देना शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है। बार-बार निर्देशों के बावजूद अगर मूलभूत सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराई जा रही हैं तो यह गंभीर चिंता का विषय है।

पर्यटकों से अपील है कि नियमों का पालन करें, टिकट अवश्य लें, मादक पदार्थ व प्लास्टिक सामग्री परिसर में न लाएं, और जलप्रपात क्षेत्र की स्वच्छता व सुरक्षा बनाए रखें।

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