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नौगढ़ तहसील में हुआ धरना, साहब सोनभद्र में ST हैं तो चंदौली में SC क्यों बना रहे हो

 भाकपा माले के जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने कहा कि पनिका, चेरो, खरवार सहित तमाम जातियों को सोनभद्र में आदिवासी का दर्जा मिला है तो साहब नौगढ़ में इनका एसटी का  जाति प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाया जा रहा है।

 

नौगढ़ तहसील में धरना

साहब सोनभद्र में एसटी हैं तो चंदौली में एससी क्यों बना रहे हैं....
 

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ मे  वनवासियोंको आदिवासी का दर्जा दिए जाने तथा जाति प्रमाण पत्र बनाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के द्वारा एक दिवसीय धरना  तहसील मुख्यालय पर हुआ। नेताओं ने धरना स्थल पर पहुंचे एसडीएम डॉ अतुल गुप्ता को  जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा।


 भाकपा (माले) जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने कहा कि गोंड, पनिका, चेरो, खरवार, सहित तमाम जातियों को सोनभद्र में आदिवासी का दर्जा मिला है लेकिन नौगढ़ में इनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है और ना ही आदिवासियों का दर्जा दिया जा रहा है। चुनाव लड़ने के लिए गोंड व पनिका जाति के लोगों का जाति प्रमाण पत्र बन सकता है तो हमेशा के लिए क्यों नहीं।

Dharna in Naugarh
धरना स्थल पर  कामरेड रामकृत ने कहा कि  नौगढ़ इलाके के  लहुराडीह, मझगावा, सुर्रा, जयमोहनी, विशेषरपुर, परसिया, बरवाडीह, परसहवां, लछिमनपुर, बजरडीहा, पड़हवा, केसार, धनकुवारी, पड़रिया, गहिला, जमसोत, शाहपुर, नोनवट, देउरी, गंगापुर में बसे गोंड, पनिका, खरवार, चेरो समाज के लोगों की  रिश्तेदारी सटे जिले सोनभद्र के तमाम गांवों में है, शादी विवाह तक होते हैं। नौगढ़ के कुछ लोगों का निवास भी सोनभद्र जिले में हैं, वहां आदिवासी का दर्जा प्राप्त है। चंदौली में वनाधिकार समेत तमाम योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।


कामरेड पतालू गोंड ने कहा कि गोंड, पनिका ऐसी आदिवासी जातियां हैं। जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाने  से बच्चों की पढ़ाई में मिलने वाली सुविधाएं तथा संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधाएं व सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

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