जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

नौगढ़ CHC में डॉक्टरों की कमी कौन कराएगा दूर, अच्छे व सस्ते इलाज के लिए भटकते हैं गांव से आने वाले लोग

ग्रामीणों का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में बार-बार फोन करने के बावजूद एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती। गंभीर रूप से बीमार या घायल मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।
 

चिकित्सकों की अनुपस्थिति का सिलसिला जारी

सुविधाओं की बदहाली से जूझ रहा है CHC जैसा अस्पताल

बड़े अफसरों के दौरे के समय होती है खानापूर्ति

चंदौली जिले के वनवासी और आदिवासी बहुल क्षेत्र नौगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नौगढ़, जो इस पिछड़े क्षेत्र के लिए एकमात्र सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र है, वहां डॉक्टरों की कमी, बिजली संकट, उपकरणों की खराबी और अनियमित सेवाओं के कारण ग्रामीणों को इलाज के लिए सोनभद्र, चकिया और वाराणसी जैसे दूरदराज के शहरों की दौड़ लगानी पड़ रही है।

छह महीने से गायब महिला चिकित्सक, महिलाओं को हो रही भारी दिक्कत

ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक बीते छह महीने से ड्यूटी पर नहीं आ रही हैं, जिससे महिलाओं को स्वास्थ्य सलाह और इलाज के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी जगह किसी अन्य महिला चिकित्सक की तैनाती भी अब तक नहीं की गई है।

बिजली संकट और सोलर सिस्टम फेल, रात में अस्पताल अंधेरे में डूबा रहता है

सीएचसी में जनरेटर और सोलर सिस्टम की व्यवस्था होने के बावजूद, रात में बिजली कटौती के दौरान पूरा परिसर अंधेरे में डूबा रहता है। सोलर सिस्टम भी काफी समय से खराब पड़ा है। ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को रात्रिकालीन समय में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

एसडीएम के निरीक्षण में उजागर हुईं खामियां, फिर भी नहीं सुधरी व्यवस्था
हाल ही में एसडीएम आलोक कुमार ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था, जिसमें एक दर्जन से अधिक डॉक्टर और स्टाफ गैरहाजिर मिले थे। उन्होंने चेतावनी भी दी थी और रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई, लेकिन व्यवस्था आज भी जस की तस है।

इमरजेंसी में भी घंटों इंतजार, एंबुलेंस सेवा बदहाल

ग्रामीणों का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में बार-बार फोन करने के बावजूद एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती। गंभीर रूप से बीमार या घायल मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।

एक ही डॉक्टर पर निर्भर पूरी ओपीडी, आयुष्मान कार्ड भी बेअसर

लू और गर्मी के चलते मरीजों की संख्या बढ़ी है लेकिन ओपीडी में सिर्फ एक डॉक्टर की मौजूदगी के कारण मरीजों की भारी भीड़ लग रही है। कई मरीज इलाज नहीं करा पाते और निजी अस्पतालों का रुख करते हैं। आयुष्मान कार्डधारियों को भी इंटरनेट न चलने का हवाला देकर लौटा दिया जाता है।

ऑपरेशन की सुविधा होते हुए भी रेफर, नर्सों के भरोसे प्रसव

प्रसूता महिलाओं को भर्ती तो कर लिया जाता है, लेकिन ऑपरेशन की सुविधा होते हुए भी रेफर कर दिया जाता है। कई बार नर्स या एएनएम ही प्रसव कराती हैं, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*