नौगढ़ में लाल झंडों संग के साथ वन विभाग ऑफिस का घेराव, भू-माफियाओं पर संरक्षण का आरोप
जयमोहनी वन रेंज कार्यालय के सामने भाकपा (माले) का जोरदार धरना
इंकलाब के नारों से गूंजा नौगढ़
मौके पर पहुँचे थाना प्रभारी
वन विभाग पर भू-माफियाओं को संरक्षण देने का गंभीर आरोप
चंदौली जिले के नौगढ़ में वनवासियों को साथ लेकर भाकपा (माले) नेताओं ने जयमोहनी वन रेंज कार्यालय के सामने सोमवार को लाल झंडों के साथ जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इंकलाब का नारा लगाते ही थाना प्रभारी सदल बल, महिला पुलिस को साथ लेकर मौके पर पहुंच गए। नेताओं ने आरोप लगाया कि वन विभाग और तहसील प्रशासन इलाके में सक्रिय भू-माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं और उनके पुस्तैनी वनभूमि अधिकारों को ताक पर रखकर उन्हें उनके घर और जमीन से बेदखल किया जा रहा है। यह धरना केवल विरोध नहीं, बल्कि चेतावनी भी था कि अब और अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को इस मामले में तुरंत कदम उठाने की मांग भी की गई।
भू-माफियाओं को संरक्षण, आदिवासियों की बेदखली
भाकपा (माले) जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने कहा कि इलाके की जंगल भूमि पर भू-माफियाओं का कब्जा है, जिसे प्रशासन और वन विभाग की मदद मिल रही है। आदिवासी वनवासियों के पुस्तैनी अधिकारों की लगातार अनदेखी की जा रही है और उन्हें उनके घर और जमीन से बेदखल किया जा रहा है। कामरेड अनिल ने चेतावनी दी कि यह अन्याय किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता है तो आंदोलन और भी तेज होगा, और पूरे इलाके में विरोध फैल सकता है।
बरसात में झोपड़ियां उजाड़ने का कर रहे हैं विरोध ....
कामरेड अनिल पासवान ने बताया कि हाल ही में बरसात के मौसम में नागनार हरैया में वन विभाग ने आदिवासियों की झोपड़ियां उजाड़ दीं, जबकि इस मौसम में पक्षियों के घोंसले भी सुरक्षित रखे जाते हैं। जब भाकपा (माले) नेता कामरेड दिनेश कोल ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाया, तो वन विभाग के कई कर्मचारियों ने मिलकर उन पर हमला किया। नेताओं ने इसे “निंदनीय और गैरकानूनी” करार दिया और प्रशासन से मांग की कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आदिवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

भाकपा (माले) राज्य स्थायी समिति सदस्य कामरेड सुरेश कोल ने जोर देते हुए कहा कि दिनेश कोल के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वन विभाग के कर्मचारियों को किसी भी नागरिक पर मारपीट करने का कोई अधिकार नहीं है। यदि प्रशासन इस मामले को नजरअंदाज करता है, तो आंदोलन और व्यापक स्तर पर बढ़ाया जाएगा और पूरे इलाके में विरोध प्रदर्शन तेज होंगे।
भाकपा (माले) के वरिष्ठ और चचित आदिवासी नेता कामरेड रामकृत कोल ने कहा कि वन विभाग के मनमानेपन के खिलाफ उन्होंने पहले भी संघर्ष किया है। यदि आदिवासी वनवासियों को फिर से परेशान किया गया, तो पूरे नौगढ़ में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन और वन विभाग को स्पष्ट चेतावनी दी कि अब और किसी भी तरह की दमनकारी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धरना और सभा को भाकपा (माले) जिला स्थायी समिति सदस्य कामरेड पतालु गोंड, एपवा जिला अध्यक्ष कामरेड मुन्नी गोंड, राजेश कुमार, श्रवण यादव, चंद्रबली विश्वकर्मा सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया। अध्यक्षता कामरेड शंकर कोल ने की और संचालन कामरेड रामकृत कोल ने किया। नेताओं ने पूरे इलाके में आदिवासियों के समर्थन में एकजुटता दिखाते हुए प्रशासन पर दबाव बनाए रखने का संकल्प लिया।
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