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नौगढ़ में 40 साल से विकास से दूर चिरवाटांड़, बिजली और सड़क के बिना जी रहे जंगल जैसा जीवन

देवरी कला पंचायत के चिरवाटांड़ बस्ती के ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को गुस्से में विद्युत सब स्टेशन नौगढ़ का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की।
 

ढिबरी युग में जीने के मजबूर हैं चिरवाटांड़ के लोग

विकास के दावे यहां दम तोड़ रहे हैं

क्या सरकार व नेता सुनेंगे इनकी भी फरियाद

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ के चिरवाटांड़ बस्ती में रहने वाले ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। 50 साल से इस बस्ती में न बिजली पहुंची, न सड़क बनी। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारें बदलीं, जनप्रतिनिधि बदले, लेकिन उनकी जिंदगी ढिबरी और मोमबत्ती के सहारे ही चल रही है। बिजली न होने के कारण बस्ती के लोग अंधेरे में जंगली जानवरों से अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए रातभर जागते हैं। सड़कों के अभाव में गांव तक पहुंचना भी चुनौती है। सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है।

विद्युत सब स्टेशन का घेराव कर महिलाओं ने संभाली कमान

देवरी कला पंचायत के चिरवाटांड़ बस्ती के ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को गुस्से में विद्युत सब स्टेशन नौगढ़ का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। ग्राम्या संस्थान की कोऑर्डिनेटर नीतू सिंह ने महिलाओं का नेतृत्व करते हुए जेई रवि शंकर प्रसाद को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल और समाधान दिवस पर कई बार शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला, आरोप लगाया कि सरकार ने हमेशा उन्हें अनदेखा किया। यहां के लोग 40 सालों से सड़क और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन हालातों में विकास के सरकारी दावे एक मजाक लगते हैं।

क्या "सबका साथ, सबका विकास" महज नारा है?
चिरवाटांड़ की दुर्दशा ने योगी सरकार और उसके अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। "सबका साथ, सबका विकास" का दावा करने वाली सरकार क्या इन ग्रामीणों की आवाज सुनेगी? या यह बस्ती आने वाले सालों में भी अंधेरे में ही रहेगी?

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