चंदौली समाचार की खबर का असर: नवजात चोरी कांड में 24 घंटे में पुलिस ने लौटाई माँ की गोद की किलकारी

नौगढ़ में नवजात की चोरी से फैला था मातम
बच्चा सोनभद्र मेडिकल कॉलेज से हुआ था चोरी
सांसद छोटेलाल खरवार ने एसपी को लगाई फटकार
एसपी की सक्रियता के बाद 24 घंटे में मिली सफलता
चंदौली जिले के नौगढ़ में नवजात की किलकारी गूंजने से पहले ही मां-बाप की आंखें नम हो गई थीं। लेकिन ‘चंदौली समाचार’ की खबर और जनदबाव के बाद प्रशासन हरकत में आया और चार दिन से लापता नवजात को सकुशल बरामद कर लिया गया।
मामला चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ के पंचायत अमृतपुर निवासी सुदामा प्रजापति का है। उनकी पत्नी पूनम को 27 मई को प्रसव के लिए सोनभद्र जिला अस्पताल (रॉबर्ट्सगंज) रेफर किया गया था। ऑपरेशन से एक स्वस्थ बेटे का जन्म हुआ, लेकिन चार दिन बाद एक अज्ञात महिला उनकी गोद से बच्चा चुरा ले गई।

मासूम को चुरा ले गई महिला सीसीटीवी में कैद
डिलीवरी के बाद वार्ड में भर्ती पूनम के पास एक महिला खुद को मरीज का तीमारदार बताकर आई। उसने मालिश व सेवा के बहाने विश्वास जीत लिया और मौका पाकर नवजात को चुरा ले गई। यह महिला अस्पताल के सीसीटीवी में कैद हो गई, फिर भी पुलिस के हाथ खाली रहे।

चंदौली समाचार की खबर ने दिलाई राहत
चार दिन तक अस्पताल प्रशासन और पुलिस की नाकामी के बाद जब ‘चंदौली समाचार’ ने इस संवेदनशील मामले को प्रमुखता से उठाया, तो समाज में हड़कंप मच गया। खबर का सीधा असर यह हुआ कि सांसद छोटेलाल खरवार ने स्वयं मामले में दखल देते हुए एसपी को फटकार लगाई, जिसके बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी।
24 घंटे में मिली सफलता, बच्चा सकुशल बरामद
सांसद की फटकार के बाद खुद एसपी मैदान में उतरे और पुलिस टीम को एक्टिव किया। केवल 24 घंटे के भीतर सोनभद्र पुलिस ने नवजात को सकुशल बरामद कर लिया। यह खबर पूरे जिले के लिए राहत की सांस बनकर आई।
सांसद पहुंचे अस्पताल, पीड़ित परिवार से की मुलाकात
बरामदगी के बाद सांसद छोटेलाल खरवार ने जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित दंपती से मुलाकात की और ढांढस बंधाया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई और साफ कहा कि "गरीब की गोद से बच्चा चुराना सिर्फ अपराध नहीं, इंसानियत पर हमला है।"
अब सवाल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर
इस घटना ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। न कोई गार्ड, न पहचान पत्र की जांच, न मेटरन की निगरानी — क्या इसी तरह खुली छूट में चलेंगे सरकारी अस्पताल? यह सिर्फ एक बच्चे की वापसी की खबर नहीं, जिम्मेदार पत्रकारिता की जीत की कहानी है। ‘चंदौली समाचार’ की सजगता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता ने एक माँ की गोद को फिर से आबाद किया।
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