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नौगढ़ के जंगलों से महुआ की तस्करी करने की फिराक में व्यापारी

औषधीय गुणों से सम्पन्न महुआ के फूल को बीनने में गरीब परिवारों को बहुत काफी मेहनत करनी पड़ती है। जिसमें घर के छोटे छोटे सदस्यों का भी योगदान होता है।
 

लोग जंगल में जाकर बीन रहे महुआ

व्यापारी खरीदते हैं लोगों से महुआ

कई तरह के काम में आता है महुआ

चंदौली जिले के नौगढ़ क्षेत्र में आजकल महुआ बीनकर मजदूर व असहाय अपना जीवकोपार्जन कर रहे है, लेकिन इसपर अब बड़े व्यापारियों की नजर लगी है। ताकि सस्ते दर पर मजदूरों से महुआ खरीदकर गैर जनपद आपूर्ति कर मोटी कमाई कर सके।

आपको बता दें कि काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर क्षेत्र के नौगढ़ चन्द्रप्रभा राजपथ जयमोहनी मझगाई आदि वन क्षेत्र में महुआ के सैकड़ों पेड़ मौजूद हैं। इस दौरान वन विभाग असहाय, गरीब तबके लोगों को महुआ बीनकर जीवन यापन करने को छूट दे रखा है।

बताते चलें कि औषधीय गुणों से सम्पन्न महुआ के फूल को बीनने में गरीब परिवारों को बहुत काफी मेहनत करनी पड़ती है। जिसमें घर के छोटे छोटे सदस्यों का भी योगदान होता है। भोर में ही जंगलों में जाकर हिंसक जानवरों से खतरा पहुंचने की परवाह किए बगैर परिवार के लोग महुआ का फूल बीनने में जूट जाते हैं।

औषधीय गुणों से सम्पन्न है महुआ

महुआ का उपयोग शराब बनाने में होने के साथ ही गांव देहात में आज भी महुआ का ठोकवा बनाने व खाने का चलन है। महुआ को पीसकर महुआ का फल कोईना के तेल में ठोकवा छाना जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत काफी लाभप्रद होता है। वही गंभीर रूप से ठंड लग जाने पर महुआ (कोईना) का तेल लेपन करने से तत्काल भरपूर आराम मिल जाता है।

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