जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

नौगढ़ में बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई राम भरोसे, छात्रों की मारपीट में आर्यन हुआ बेहोश, शिक्षक खेलते रहे लूडो

थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार यादव से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका सीयूजी मोबाइल नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बता रहा था।
 

कक्षा चार के आर्यन पर जोरदार प्रहार

बेहोशी की स्थिति में गिरा छात्र

एंबुलेंस बुलाने की बजाय बच्चे को बस्ता पकड़ाकर घर भेजने की कोशिश

बिगड़ी हालत तो डॉक्टर ने किया रेफर

पिता जितेंद्र कुमार ने थाने में दी तहरीर

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई दोनों भगवान भरोसे चल रही हैं। इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय झुमरिया में देखने को मिला, जहां कक्षा चार का छात्र आर्यन सिर पर चोट लगने से बेहोश हो गया, लेकिन जिम्मेदार अध्यापकों ने न तो इलाज की व्यवस्था की और न ही एंबुलेंस बुलाने की जहमत उठाई। उल्टे बच्चे को बस्ता पकड़ाकर घर भेजने की कोशिश की। सवाल ये है कि जब हर विद्यालय में हेल्थ इमरजेंसी के नियम लागू हैं, तो नौगढ़ के स्कूलों में उनका पालन क्यों नहीं हो रहा?

भाई ने खोला राज, पिता ने बचाई जान

आपको बता दें कि आर्यन का बड़ा भाई आयुष, कक्षा 5 में पढ़ता है, जो उसी विद्यालय का छात्र है। दोपहर भोजनावकाश के दौरान भाई की बिगड़ी हालत देख वह तुरंत घर भागा और पिता जितेंद्र कुमार को खबर दी। पिता मौके पर पहुंचे और 108 एंबुलेंस से बेटे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ ले गए। डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर आर्यन को संयुक्त चिकित्सालय चकिया के लिए रेफर कर दिया।

शिक्षक बने तमाशबीन, खेलते रहे लूडो

चश्मदीद बच्चों ने खुलासा किया कि अध्यापक पढ़ाई कराने की बजाय लूडो खेलते रहे। इस दौरान जब कक्षा चार का ही छात्र आदित्य ने आर्यन के सिर पर जोर से प्रहार किया, तो वह मौके पर ही मूर्छित होकर गिर पड़ा। लेकिन शिक्षकों की संवेदना इतनी भी नहीं जगी कि बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाते या एंबुलेंस बुलाते।

कुत्ता काटा तो मास्टर दरवाजे पर छोड़ कर चले आए 

नौगढ़ का यह यह पहला मामला नहीं है जब सरकारी विद्यालयों में अध्यापकों की लापरवाही उजागर हुई हो। कंपोजिट विद्यालय बाघी में भी एक छात्र को कुत्ता काट लिया था, लेकिन शिक्षक उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय घर के दरवाजे पर छोड़कर चले गए थे। झुमरिया का मामला भी उसी लापरवाही की पुनरावृत्ति है, फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार बच्चा बेहोशी में मौत के मुहाने तक पहुंच गया।

आर्यन के पिता पहुंचे थाने 

 आर्यन के पिता जितेंद्र कुमार ने कहा—अगर मैं समय पर न पहुंचता तो आज मेरा बेटा जिंदा न होता। दो घंटे तक वह बेहोश पड़ा रहा और शिक्षक मूकदर्शक बने रहे। अध्यापक बच्चों की सुरक्षा से खुला खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने नौगढ़ थाना में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर सख्त कार्रवाई की मांग की।

खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) लालमणि कनौजिया ने स्वीकार किया—
"मामले की जानकारी अभी तक नहीं थी। अगर अध्यापकों ने छात्र को अस्पताल ले जाने की जगह घर भेज दिया है तो यह गंभीर लापरवाही है। जांच के बाद दोषी अध्यापकों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 

थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार यादव से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका सीयूजी मोबाइल नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बता रहा था।

Tags

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*