कभी कभी कुछ ऐसा हो जाता है जिसे कुदरत का करिश्मा कहें तो गलत नहीं होगा। आप इसे फिल्मी कहानी भी कह सकते हैं। ऐसा ही कुदरत का करिश्मा नौगढ़ में हुआ है। ग्रामीणों ने जिन लोगों को बच्चा चोर समझकर पीटने के बाद पुलिस को सौंपा था, वह लोग अपनों को पाने के लिए एक दशक से भी ज्यादा समय से भटक रहे थे। अब परिवार से मिले तो खुशी के आंसू छलक पड़े।
नौगढ़ के बोझ गांव में शुक्रवार को ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझकर 40 वर्षीय युवक को बुरी तरह पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की तो किसी तरह अपना नाम दिनेश और पता हरदोई जिले के थाना अतरौलिया बताया। पुलिस ने बताए गए पते पर संपर्क किया तो पता चला कि युवक 20 साल पहले लापता हो गया था। घर वाले उसे खोजने के लिए दर दर भटक रहे थे। दिनेश के मिलने की सूचना मिलते ही भाई कृष्ण कुमार, भाभी शिवप्यारी देवी, चचेरे भाई मनोज सिंह व इंद्रभान सिंह नौगढ़ थाने पहुंचे। दो दशक बाद दिनेश को देखते ही भाई कृष्ण कुमार दहाड़े मार रोते हुए गले से लग गया।
इसी तरह शनिवार की रात नौगढ़ बाजार में पकड़ाए अर्धविक्षिप्त बुजुर्ग बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के वीरबल कश्यप निकले। वीरबल 12 साल पहले भटक गए थे। अखबार में बच्चा चोर के आरोप में पिटाई की खबर और फोटो देखने के बाद उनका बेटा विनोद नौगढ़ पहुंचा और पिता को इतने साल बाद देखते ही रो पड़ा। पिता भी अपने आंसू नहीं रोक सके। विनोद ने बताया कि पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है। 12 साल पहले एक दिन अचानक लापता हो गए थे। प्रभारी निरीक्षक स्वामीनाथ प्रसाद ने दोनों को अपने-अपने परिवारों के साथ विदा किया और लोगों से किसी की भी पिटाई नहीं करने की अपील की।