पुलिस से बेटों को बचाने के लिए मां ने लगायी झोपड़ी में आग, बेटों को छुड़ाने की जिद कहें या मां की सनक
पुलिस ने महिला के दोनों बेटों को भेजा जेल
बेटों पर था ऐसा आरोप तो पकड़कर ले जा रही थी पुलिस
जानिए मां ने क्यों की ऐसी हरकत
चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में शनिवार की रात एक महिला के साहसी, लेकिन सनकी कदम ने पूरे इलाके को हैरत में डाल दिया। अपने बेटों को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के लिए महिला ने ऐसा कदम उठाया, जिसे देखकर लोग दंग रह गए। पुलिस जब उसने दोनों बेटों को पकड़कर थाने ले जा रही थी, तब उनकी मां ने अपनी झोपड़ी में आग लगाकर पुलिस को धमकाने की कोशिश की।
आपको बता दें कि नौगढ़-सोनभद्र मार्ग पर स्थित अंबेडकर पार्क तेंदुआ के पास राम आशीष नामक व्यक्ति की फोटो स्टेट की दुकान है। शनिवार की रात आठ बजे दुकान पर राम आशीष का बेटा रतन कुमार बैठा था, तभी गांव का युवक सौरभ चंद्र ने गाली गलौज शुरू कर दी। रतन ने उसे शांत रहने को कहा, इस पर सौरभ ने दावा किया कि दुकान की जमीन उसकी है। इसके बाद सौरभ के दो भाई, चंद्रलोक और सुरेंद्र, वहां पहुंचे और मारपीट पर उतर आए। दोनों दुकान के पीछे झोपड़ी लगाने की कोशिश करने लगे।
बताया जा रहा है कि स्थिति बिगड़ती देख रतन ने 112 पुलिस को फोन किया। पुलिस ने समझने की कोशिश की, परंतु नहीं माने। इसके बाद नौगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और रामाशीष और दोनों भाई को हिरासत में लिया। लेकिन जैसे ही पुलिस की गाड़ी थाने की ओर बढ़ी, उनकी मां शांति ने अपना आपा खो दिया। गुस्से में शांति ने अपनी झोपड़ी में आग लगा दी और पुलिस को धमकी दी, अगर बेटों को नहीं छोड़ा तो मैं राम आशीष और पुलिस वालों को झूठे केस में फंसा दूंगी।
साहस या सनक
घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। ग्रामीणों के बीच बहस शुरू हो गई, कुछ ने इसे मां का साहस बताया, जो अपने बेटों के लिए कुछ भी कर सकती है, तो कुछ लोग इसे कानून के खिलाफ एक खतरनाक कदम करार दिया। इधर महिला शांति ने पुलिस प्रशासन पर घर में घुसकर बच्चों और बहूओं को बेज्जती करने तथा मारने पीटने का आरोप लगाया है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि आगजनी और धमकी के पूरे मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। मारपीट के आरोपियों को शांति भंग करने के तहत धारा 151 में पाबंद किया गया है।
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