नौगढ़ में सिपाही की हत्या का अब तक नहीं हुआ खुलासा, थाने में बैठाए गए हैं उसके कई दोस्त, बस्ती में तैनात है पीएसी
सांसद छोटेलाल खरवार और विधायक कैलाश आचार्य ने दिया है भरोसा
लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर संदेह बरकरार
हत्या के खुलासे में लग सकता है और टाइम
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में चकरघटृटा थाना क्षेत्र के डीह बाबा जंगल में चार दिनों से लापता युवक की पत्थर से सिर कूंचकर हत्या किए जाने के बाद से इलाके में आक्रोश फैल गया है। मृत युवक नौगढ़ थाना क्षेत्र के बाघी पंचायत के कोठी घाट का निवासी था, जो चिकनी पहाड़ी के डीह बाबा जंगल में पड़ा हुआ था। पुलिस ने मृतक के परिवार की तहरीर के आधार पर बस्ती के ही कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक हत्या के मामले में कोई ठोस सबूत या गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
आपको बता दें कि घटनास्थल से एक चाकू बरामद किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही पुलिस ने आस-पास के दुकानदारों से भी पूछताछ की है, लेकिन अब तक जांच में कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी है। पुलिस की इस धीमी जांच को लेकर कोठी घाट बस्ती के लोगों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि घटना को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस सब कुछ जानते हुए भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है, जिससे क्षेत्र में तनाव और गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
प्रशासन ने बढ़ते आक्रोश को देखते हुए इलाके में पीएसी की तैनाती कर दी है, लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिरकार हत्या का खुलासा क्यों नहीं हो पा रहा है। कोठी घाट बस्ती के युवक सिपाही की जघन्य घटना ने न केवल स्थानीय ग्रामीणों को झकझोर दिया है, बल्कि राजनीतिक नेताओं का भी ध्यान इस ओर खींचा है।
गुरुवार को स्थानीय सांसद छोटेलाल खरवार, विधायक कैलाश आचार्य और शुक्रवार को निषाद समाज पार्टी के नेता और प्रदेश सचिव शिवकुमारी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। नेताओं ने परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया, लेकिन ग्रामीणों में यह संदेह गहराता जा रहा है कि जब चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस हत्या का खुलासा नहीं कर पा रही है, तो क्या नेताओं का यह भरोसा सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगा?
पुलिस जांच पर संदेह: ठंडे बस्ते में न चले जाए मामला
पुलिस क्षेत्राधिकारी कृष्ण मुरारी शर्मा ने चंदौली समाचार को बताया कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, और जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा। लेकिन अब तक की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों और स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर संदेह है कि क्या पुलिस सही दिशा में जांच कर रही है, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। पुलिस की जांच में हो रही देरी ने लोगों में गुस्से और निराशा को और बढ़ा दिया है, जिससे न्याय की मांग और भी जोर पकड़ रही है।
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