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CHC नौगढ़ ने लॉकडाउन में किया सराहनीय कार्य, हजारों लोगों की मदद

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मार्च महीने के आखिरी हफ्ते से पूरे देश में किये गए लॉक डाउन के दौरान बहुत सी स्वास्थ्य सेवाएँ स्थगित कर दी गईं थीं। ऐसे मुश्किल वक्त में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के अंतर्गत सूचीबद्ध प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों
 
CHC नौगढ़ ने लॉकडाउन में किया सराहनीय कार्य, हजारों लोगों की मदद

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चंदौली जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मार्च महीने के आखिरी हफ्ते से पूरे देश में किये गए लॉक डाउन के दौरान बहुत सी स्वास्थ्य सेवाएँ स्थगित कर दी गईं थीं।

ऐसे मुश्किल वक्त में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के अंतर्गत सूचीबद्ध प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ने योजना के लाभार्थियों को सफलतापूर्वक इलाज मुहैया कराकर मिसाल पेश की है । इसमें चंदौली जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ की भूमिका भी सराहनीय रही है।

चंदौली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ सहित प्रदेश के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर योजना के लाभार्थियों का इलाज किया गया। सीएचसी नौगढ़ में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लगभग 268 केस देखे गए, लेकिन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुये इनमें से 5 लाभार्थियों का इलाज किया गया।

गौरतलब है कि इस संबंध में आयुष्मान भारत योजना, साचीज़ की मुख्य कार्यपालक अधिकारी संगीता सिंह ने हाल ही में जारी किए पत्र में इन सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की सराहना की है। वहीं प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र जारी करते हुये कहा है कि जनपद में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुये उचित पर्यवेक्षण, मार्गदर्शन एवं समीक्षा बिन्दुओं पर बल देने की वृहद आवश्यकता है। उन्होने नोडल अधिकारी और स्थानीय जिला कार्यान्वयन इकाई (डीआईयू) को समीक्षा करते हुये अग्रिम कार्यवाही करने का निर्देश भी दिया है।

एक नजर लाभार्थियों के इलाज पर……

  • लॉकडाउन के दौरान योजना के अंतर्गत सीएचसी नौगढ़ में पहला केस 19 अप्रैल को भर्ती किया गया। किरण जिनका प्रसूति एवं स्त्री रोग कैटेगरी में प्लासेंटा (नाल) को हटाने का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। योजना की लाभार्थी होने के कारण उनके कोई पैसे नहीं खर्च हुए और इसके इलाज का पूरा पैकेज 9,350 रुपये रहा। 22 अप्रैल को उन्हें छुट्टी दे दी गयी।
  • दूसरा केस 27 अप्रैल को भर्ती हुआ। कलावती देवी (28) जिनका प्रसूति एवं स्त्री रोग कैटेगरी में उच्च जोखिम गर्भावस्था में होने की वजह से सफलतापूर्वक और सुरक्षापूर्ण तरीके से इलाज किया गया। पति प्रेम कुमार का कहना है कि वह एक गरीब परिवार से हैं और इस योजना के तहत उनकी पत्नी का मुफ्त में इलाज हुआ है। जिससे वह बहुत खुश हैं। इसके इलाज का पूरा पैकेज 12,100 रुपये रहा। 30 अप्रैल को उन्हें छुट्टी दे दी गयी।
  • तीसरा केस 5 मई को भर्ती हुआ। सरोज जिनका प्रसूति एवं स्त्री रोग कैटेगरी में ही सफलतापूर्वक इलाज किया गया। योजना की लाभार्थी होने पर उनके एक रुपये नहीं लगे और इसके इलाज का पूरा पैकेज 7,920 रुपये रहा। 11 मई को उन्हें छुट्टी दे दी गयी।
  • चौथा केस 21 मई को भर्ती किया गया। प्रतिमा जिनका प्रसूति एवं स्त्री रोग कैटेगरी में प्लासेंटा (नाल) को हटाने का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। इनके इलाज का पूरा पैकेज 9,350 रुपये रहा। 25 मई को उन्हें छुट्टी दे दी गयी।
  • पांचवां केस 22 मई को भर्ती किया गया। उषा जिनका प्रसूति एवं स्त्री रोग कैटेगरी में प्लासेंटा (नाल) को हटाने का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। इनके इलाज का पूरा पैकेज 9,350 रुपये रहा। 25 मई को उन्हें छुट्टी दे दी गयी।

यह कहना है चिकित्साधीक्षक का….

सीएचसी नौगढ़ के चिकित्साधीक्षक डॉ अवधेश सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों पर आपातकालीन सेवाएँ खुली हुईं थी। योजना के लाभार्थी इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर आए। वह गंभीर परिस्थिति में थे। स्टाफ नर्स ने सभी की स्वास्थ्य जांच की और पूरा सहयोग दिया।

इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरीके से ध्यान रखा गया और सभी सफलतापूर्वक इलाज कर घर भेजा गया। मरीजों को किसी भी तरीके की परेशान न हो इसके लिए उन्हें 15 दिन की दवाई दी गयी। साथ ही नियमित फॉलो अप भी लिया गया।

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