जंगल पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तैयारी : मनबढ़ों को हटाएगी चंदौली पुलिस, वनवासियों को संरक्षण और अवैध निर्माण पर चलेगा पीला पंजा।
वन भूमि पर अब होगा सीधा एक्शन
मनबढ़ कब्जाधारकों को हर हाल में हटना होगा
वनवासियों के अधिकारों का पूरा संरक्षण देने की तैयारी
जयमोहनी और मझगाई रेंज में अलर्ट जारी करने का फरमान
डीएफओ ने दिया अतिक्रमण हटाने का निर्देश
उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद अंतर्गत नौगढ़ तहसील में वन भूमि पर लंबे समय से काबिज अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अब वन विभाग ने निर्णायक जंग छेड़ दी है। प्रभागीय वनाधिकारी (DFO) बी. शिवशंकर ने जयमोहनी रेंज परिसर में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट कर दिया कि अब कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने नौगढ़, जयमोहनी और मझगाई रेंज के वन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वन भूमि पर बने अवैध कब्जों को जेसीबी के जरिए पूरी तरह जमींदोज किया जाए। इस आदेश के बाद से ही क्षेत्र के मनबढ़ अतिक्रमणकारियों में हड़कंप का माहौल व्याप्त है।
वनवासियों को संरक्षण देने की नीयत
डीएफओ बी. शिवशंकर ने अपनी बैठक में एक बेहद महत्वपूर्ण बिंदु पर जोर दिया कि इस पूरे अभियान के दौरान स्थानीय वनवासियों और आदिवासियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। विभाग का मुख्य लक्ष्य उन दबंग और मनबढ़ लोगों को जंगल से बाहर करना है, जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। प्रशासन का कहना है कि वनवासियों का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने वाले भू-माफियाओं के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जाएगी।
फील्ड अधिकारियों के साथ 2 घंटे का मंथन
जयमोहनी रेंज परिसर में आयोजित यह समीक्षा बैठक लगभग दो घंटे तक चली। इस दौरान डीएफओ ने फील्ड में तैनात वन दरोगाओं और कर्मचारियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने अतिक्रमण हटाने के दौरान आने वाली प्रशासनिक बाधाओं, स्थानीय विरोध और व्यावहारिक कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की। प्रत्येक समस्या का समाधान बताते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरें। बैठक में साफ कहा गया कि विभागीय कार्रवाई पूरी तरह से नियमों के दायरे में होगी, लेकिन इसकी तीव्रता और सख्ती में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
अभियान के लिए तैयार हुई रणनीति
समीक्षा बैठक के बाद अब तीनों रेंजों में सुनियोजित और निरंतर अभियान चलाने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग ने उन स्थानों को चिह्नित कर लिया है जहां बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए गए हैं। इन कब्जों को हटाने के लिए पुलिस बल की भी सहायता ली जा सकती है ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। डीएफओ के इस सख्त रुख ने यह साफ कर दिया है कि नौगढ़ के जंगलों की हरियाली और सरकारी भूमि को बचाने के लिए अब विभाग पीछे हटने वाला नहीं है।
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