नौगढ़ में संत रविदास की मूर्ति टूटी और अफसरों के वादे भी टूटे, अब चुप नहीं बैठेगा दलित समाज
मूर्ति टूटने के दो दिन बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने दिया एसडीएम को पत्रक
आंदोलन का अल्टीमेटम
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बोदालपुर पंचायत में संत शिरोमणि संत रविदास की मूर्ति तोड़े जाने की घटना के बाद क्षेत्र का माहौल गरमाता जा रहा है। घटना को लेकर दलित समाज में गहरा रोष है। दो दिन पहले एसडीएम ने आश्वासन दिया था कि जल्द नई मूर्ति स्थापित की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस लापरवाही से आक्रोशित भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी दे दी है।
एसडीएम कार्यालय का घेराव, दोबारा सौंपा गया ज्ञापन
आजाद समाज पार्टी के ग्राम संयोजक अश्वनी कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने तहसील पहुंचकर एसडीएम आलोक कुमार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि रविदास समाज की भावनाएं आहत हुई हैं और प्रशासन की चुप्पी से समाज में बेचैनी बढ़ती जा रही है। कार्यकर्ताओं ने दो टूक कहा कि अगर मूर्ति की स्थापना और दोषियों पर कार्रवाई शीघ्र नहीं हुई, तो यह आंदोलन उग्र रूप लेगा।

"ये हमला सिर्फ मूर्ति पर नहीं, हमारी पहचान पर है"– श्यामसुंदर
आजाद समाज पार्टी के पूर्व जिला सचिव श्यामसुंदर ने तीखा बयान देते हुए कहा, "हमारे संतों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह घटना एक समुदाय विशेष को डराने और उनकी आस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश है। दलित समाज को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है, जो अब सहन नहीं किया जाएगा। अब आंदोलन का बिगुल बज चुका है।"
घटना को लेकर क्षेत्रीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन अब तक दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी क्यों नहीं कर पाया? समाज का कहना है कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित हमला है। यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो कानून व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।

प्रतिनिधिमंडल में कई चेहरे रहे शामिल
एसडीएम से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में एडवोकेट विमलेश कुमार, संदीप कुमार, रवि, राहुल, दूधनाथ, शिवाजी, सुनील कुमार सहित दर्जनों लोग शामिल रहे। सभी ने प्रशासन को चेताया कि अब सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा – कार्रवाई चाहिए, और मूर्ति की स्थापना तत्काल होनी चाहिए।
लोगों ने साफ कह दिया है कि यदि प्रशासन संवेदनशीलता नहीं दिखाता तो समाज चुप नहीं बैठेगा। हर तहसील, हर जिला मुख्यालय पर विरोध की चिंगारी फैलेगी। अब सवाल सिर्फ मूर्ति का नहीं, समाज की अस्मिता और सम्मान का है।
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