नौगढ़ में आवारा कुत्तों का कहर, मझगांवा से अमदहां तक दहशत का माहौल
चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा दिया है। मझगांवा से अमदहां तक के गांवों में एक ही दिन में 17 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए, जिनमें महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। सीएचसी नौगढ़ में सभी घायलों को एंटी रेबीज का टीका लगाया गया। ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है।
एक ही दिन में 17 लोगों को बना चुके हैं शिकार
मझगांवा से अमदहां तक दहशत का माहौल
नौगढ़ अस्पताल में एंटी रेबीज टीका लगाकर उपचार
आवारा कुत्तों से निजात दिलाने की जरुरत
चंदौली जिले में तहसील नौगढ़ के कई गांवों में आवारा कुत्तों ने ऐसा आतंक मचाया कि पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है। सुबह से शाम तक कुल 17 लोगों को कुत्तों ने काट लिया, जिनमें महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कुत्ते अचानक झुंड बनाकर आते हैं और पीछे से हमला कर भाग जाते हैं। लोग बाजार, खेत या हैंडपंप तक जाने से डर रहे हैं, अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना भी रोक दिया है।
सीएचसी नौगढ़ में अलग-अलग गांवों से मरीज घायल हालत में इलाज के लिए लगातार आ रहे हैं। चकरघट्टा थाना क्षेत्र के देवरी की गीता, मझगांवा के अंश, जयमोहनी के अजय, नौगढ़ की इशरत, अमहां के रमेश,भैसौड़ा गांव की नेहा, मरवटिया के आदर्श, मगरही के शिवम और तनु, बाघी की आरती, अमृतपुर की अंजलि सहित कुल 17 लोगों को एंटी रेबीज का टीका लगाया गया। स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार कुत्तों का हमला अचानक और बहुत आक्रामक था, कई मरीजों के शरीर पर गहरे दांतों के निशान थे।
सबसे गंभीर मामला मगरही निवासी एक युवक का रहा, जिसके हाथ पर कुत्तों ने इतने गहरे दांत गड़ा दिए कि उसकी तीन उंगलियों के जोड़ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। प्राथमिक उपचार के बाद उसे तत्काल जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन दिया गया। उसके परिजनों ने बताया कि युवक खेत से वापस लौट रहा था तभी तीन कुत्तों ने अचानक दौड़कर हमला कर दिया और गिरते ही कई मिनट तक काटते रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक सप्ताह से कुत्तों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और वे जंगल से निकलकर आबादी वाले इलाकों में घूम रहे हैं। भोजन की तलाश में सड़क, स्कूल और बाजार के आसपास झुंड में इकट्ठा हो जाते हैं और राहगीरों को देखते ही आक्रामक हो जाते हैं। किसी भी गांव में अब बच्चे अकेले बाहर नहीं निकल रहे हैं। महिलाओं ने कहा कि शाम होते ही घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है और लोग लाठी लेकर चलने को मजबूर हैं।
जिलाधिकारी चदौली से ग्रामीणों की मांग है कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए त्वरित अभियान चलाया जाए। लोगों का कहना है कि प्रशासन और पंचायत यदि जल्द कार्रवाई नहीं करती तो स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा खतरे में रहेगी। लोगों ने स्पष्ट कहा कि ऐसे हमले पहले कभी इतनी संख्या में नहीं हुए थे और अब मामला नियंत्रण से बाहर होता दिख रहा है।
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