संपूर्ण समाधान दिवस पर फरियादियों के साथ नहीं होता है न्याय
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चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में आने वाले फरियादियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और उनका प्रार्थना पत्र रद्दी की टोकरी में डालने का मामला प्रकाश में आया है। अधिकारियों की मानें तो जिन प्रार्थना पत्रों पर शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर अंकित नहीं होता है उसको जनसुनवाई पोर्टल पर अंकित नहीं किया जाता है।
आपको बता दें कि समाधान दिवस में आने वाले प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों के पास भेजने से पहले उन्हें एक अलग रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। प्रार्थना पत्र पर मोहर लगाकर संदर्भ संख्या सहित अंकित करने के बाद अलग से एक पर्ची भी दी जाती है। इस संदर्भ संख्या के जरिए कोई भी फरियादी अपने प्रार्थना पत्र के निस्तारण की स्थिति ऑनलाइन देख सकता है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
उप जिलाधिकारी डॉक्टर अतुल गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित समाधान दिवस में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के लिए 35 शिकायतें दर्ज की गई। तहसील रिकॉर्ड में इन्हीं 35 प्रार्थना पत्रों का ब्यौरा है जब की फरियाद लेकर पहुंचे लोगों की संख्या 50 के करीब थी। अधिकारियों ने 6 मामले का मौके पर ही निस्तारण कर दिया। 40 किलोमीटर दूर गांव से आए 15 फरियादियों के प्रार्थना पत्र पर मोबाइल नम्बर अंकित न होने के कारण उनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। इन फरियादियों की समस्या अब भगवान के भरोसे है।
एसडीएम ने फरियादियों की समस्याओं को बारी- बारी से सुनते 3 दिन के भीतर समाधान कराने का निर्देश दिया। इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल अनिल सिंह ,तहसीलदार लालता प्रसाद, सीओ नक्सल नीरज सिंह, खण्ड विकास अधिकारी सुदामा यादव, वन क्षेत्राधिकारी रिजवान अली खान, इमरान खान , खंड शिक्षा अधिकारी अरविंद यादव , एडीओ पंचायत (प्रशासक) प्रेमचंद्र समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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